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Mysterious Temple: बृहदेश्वर मंदिर , जिसे बृहदीश्वर या पेरुवुदैयार कोविल भी कहा जाता है, तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित है. बृहदेश्वर मंदिर न केवल अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर है, बल्कि इसकी आध्यात्मिक और ऐतिहासि…और पढ़ें
बृहदेश्वर मंदिर के बारे में कुछ रहस्य वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा सके हैं.
हाइलाइट्स
- बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित है.
- मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में राजा राजा चोल प्रथम ने करवाया था.
- मंदिर की छाया जमीन पर नहीं पड़ती, यह रहस्य आज भी अनसुलझा है.
Mysterious Temple: बृहदेश्वर मंदिर, जो तमिलनाडु के तंजावुर शहर में स्थित है, भारत के सबसे प्राचीन और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है. पूरे मंदिर को ग्रेनाइट पत्थरों से बनाया गया है और इसके चारों ओर ऊंची दीवारें हैं, जिन पर सुंदर नक्काशी की गई है. इसे देखने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसका सबसे बड़ा रहस्य यह है कि इसकी कोई छाया जमीन पर नहीं पड़ती है. मंदिर के इस रहस्य को आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है. आइए, इस ऐतिहासिक मंदिर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं.
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
बृहदेश्वर मंदिर को इसकी भव्य वास्तुकला, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक सुंदरता के कारण यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है.
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इतिहास और निर्माण
इस भव्य मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में चोल वंश के महान शासक राजा राजा चोल प्रथम ने करवाया था.
सबसे बड़े शिव मंदिरों में से एक
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारत के सबसे विशाल शिव मंदिरों में गिना जाता है. इसके गर्भगृह में एक बड़ा शिवलिंग स्थापित है.
द्रविड़ शैली की अनोखी वास्तुकला
मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली में बनी हुई है, जिसमें ऊंचा गोपुरम (टॉवर), खूबसूरत नक्काशीदार स्तंभ और आकर्षक मूर्तियां शामिल हैं. इस मंदिर का निर्माण एक विशेष तकनीक से किया गया है, जिसमें पत्थरों को बिना सीमेंट या गारे के जोड़ा गया है.