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chaitra navratri 2025 ashtami date: ज्योतिष की मानें तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रवास योग के साथ सुकर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग में….
अष्टमी
अयोध्या: सनातन धर्म में चैत्र का महा विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस महीने चैत्र नवरात्रि पड़ती है. नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां जगदंबा के सभी स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है. इस दौरान देवी मां दुर्गा और उनके सभी स्वरूप की भक्ति भाव से पूजा आराधना करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है. कहा जाता है कि मां दुर्गा की पूजा आराधना करने से जीवन में दुखों का भी नाश होता है और सुखों का आगमन होता है.
आज से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. आज नवरात्रि का प्रथम दिन है. आज माता शैलपुत्री की मंदिरों में पूजा आराधना भी चल रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि में अष्टमी तिथि कब है और क्या पूजा का मुहूर्त है. चलिए इसे अयोध्या के जानकार से विस्तार से समझते हैं.
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 4 अप्रैल को रात 8:12 से शुरू हो रही है. इसका समापन 5 अप्रैल को शाम 7:26 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार 5 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि मनाई जाएगी. अष्टमी तिथि के दिन कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है.
ज्योतिष गणना के मुताबिक, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रवास योग के साथ सुकर्मा योग के अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग में माता रानी की पूजा आराधना करने से कई गुना फल की प्राप्ति भी होगी. इसके साथ ही जीवन में चल रही तमाम परेशानियों से मुक्ति भी मिलेगी.