Last Updated:
Incense Sticks: अगरबत्ती जलाना शास्त्रों में वर्जित है. क्योंकि यह बांस की लकड़ी से बनती है. शास्त्रों में बांस की लकड़ी को जलाना वर्जित है. किसी भी हवन अथवा पूजन विधि में बांस को नहीं जलाते हैं. भारतीय सनातन परं…और पढ़ें
अगरबत्ती की यह खास बात है बाजार से अलग
हाइलाइट्स
- शास्त्रों में बांस की लकड़ी जलाना वर्जित है.
- बांस जलाने से वंश नष्ट और पितृ दोष लगता है.
- बांस की अगरबत्ती से स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है.
: यूपी के सोनभद्र जनपद में समूह की महिलाएं कई नए प्रयोग करते हुए विभिन्न प्रकार के हर्बल सामग्री का निर्माण कर रहीं हैं. समूह की महिलाओं द्वारा अगरबत्ती का निर्माण भी किया जा रहा है. इस अगरबत्ती की खास बात यह है कि इसमें बांस की लकड़ी का प्रयोग नहीं होता है. बाजार में मिलने वाली सामान्य तौर पर हर अगरबत्ती में बांस का प्रयोग किया जाता है. जबकि सनातन धर्म के अनुसार पूजा में बांस को जलाना वर्जित माना जाता है. इसके साथ ही बांस से निकलने वाला धुवां भी दूषित बताया गया है. समूह की महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाली अगरबत्ती में इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कोई भी ऐसी सामग्री या केमिकल का प्रयोग न किया जाए जो कहीं से भी दूषित हो. इसी वजह से अगरबत्ती की मांग बाजारों में भी बढ़ने लगी है. इससे महिलाएं आत्मनिर्भर भी हो रही हैं.
अगर बत्ती जाना शास्त्रों में है वर्जित
शास्त्रों में बांस की लकड़ी को जलाना वर्जित है. किसी भी हवन अथवा पूजन विधि में बांस को नहीं जलाते हैं. भारतीय सनातन परंपराओं में बांस को जलाना निषिद्ध है. कहा जाता है कि यदि बांस की लकड़ी को जलाया जाता है, तो इससे वंश नष्ट हो जाता है और पितृ दोष लगता है. इसके पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य भी हैं. इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास बांस की बांसुरी रखते थे. भारतीय वास्तुविज्ञान में भी बांस को शुभ माना गया है. शादी, जनेऊ, मुण्डन आदि में बांस की पूजा एवं बांस से मण्डप बनाने के पीछे भी यही कारण है. ऐसे में बांस को जलाना शुभ नहीं होता. ऐसा भी माना जाता है कि बांस का पौधा जहां होता है, वहां बुरी आत्माएं नहीं आती हैं.
अगर बत्ती जलाने के नुकसान
बांस की लकड़ी में लेड के साथ अन्य कई प्रकार की धातु होते हैं, ऐसे में अगर आप इसे जलाकर नष्ट करते हैं तो ये धातुएं ऑक्साइड बना लेती हैं, जिसके कारण न सिर्फ वातावरण दूषित होता है बल्कि यह आपकी जान भी ले सकता है, क्योंकि इसके अंश हवा में घुले होते हैं और जब आप सांस लेते हैं तो यह आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है. इसके कारण न्यूरो और लिवर संबंधी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है.
आमतौर पर अगरबत्ती बांस की बनती है. ऐसे में इसे जलाना शुभ नहीं होता. शास्त्रों में पूजन विधान में कहीं भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता. सब जगह धूपबत्ती ही लिखा हुआ मिलता है. अगरबत्ती बांस और केमिकल से बनाई जाती है, जिसका सेहत पर बुरा असर होता है. फेंगशुई में लंबी आयु के लिए बांस के पौधे बहुत शक्तिशाली प्रतीक माने जाते हैं. यह अच्छे भाग्य का भी संकेत देता है, इसलिए उसे जलाना फेंगशुई की दृष्टि से अशुभ है.