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गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसे घटाकर 216.69 करोड़ रुपये कर दिया गया है. गूगल ने इस जुर्माने का कुछ हिस्सा दे दिया है और अब जो बचा है, उसे एक महीने के भीतर देना है.
google को मिली राहत
हाइलाइट्स
- NCLAT ने Google पर जुर्माना घटाकर ₹216.69 करोड़ किया.
- Google को 30 दिनों में शेष राशि चुकानी होगी.
- CCI ने Google पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया था.
नई दिल्ली. लंबे समय के बाद गूगल के लिए अच्छी खबर आई है. दरअसल राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को प्ले स्टोर नीतियों के संबंध में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गूगल पर लगाए गए जुर्माने को 936.44 करोड़ रुपये से घटाकर 216.69 करोड़ रुपये कर दिया है.
NCLAT के चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य अरुण बरोका की एक बेंच ने अल्फाबेट इंक – गूगल की पेरेंट कंपनी के खिलाफ 2022 के CCI के निष्कर्षों को आंशिक रूप से बरकरार रखा, लेकिन नए मूल्यांकन के आधार पर जुर्माने की राशि का पुनर्मूल्यांकन किया. गूगल ने पहले ही संशोधित जुर्माने की 10% राशि जमा कर दी है और शेष राशि 30 दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.
सीसीआई ने क्या दिये थे निर्देश
उस समय, CCI ने Google को प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में भाग लेने से रोकने और एक निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने व्यवहार में बदलाव करने का निर्देश दिया था. CCI के फैसले में कहा गया कि Google पर लगभग सात प्रतिशत का जुर्माना लगाया जा रहा है, जो Google के औसत संबंधित टर्नओवर का है. यह जुर्माना प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 4 का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है, जो किसी भी कंपनी या समूह को अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने से रोकता है.
हालांकि NCLAT ने CCI के निष्कर्षों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया, बल्कि उसके कुछ हिस्से को बरकरार रखा. सीसीआई के आदेश के बस कुछ हिस्सों को खारिज कर दिया, जिसमें Google को अधिनियम की धारा 4(2)(b)(ii) और धारा 4(2)(c) के तहत दोषी पाया गया था. ये प्रावधान प्रमुख संस्थाओं को तकनीकी या वैज्ञानिक डेवेलपमेंट को रोकने और प्रतिस्पर्धियों को बाजार में एंटर करने से रोकने से मना करते हैं.