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Heart attack vs cardiac arrest symptoms: हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट या हार्ट ब्लॉकेज ये तीनों बहुत ही खतरनाक बीमारियां हैं, जो आदमी को मौत की नींद भी सुल सकती हैं, लेकिन क्या आप इन तीनों के बीच का अंतर जानते ह…और पढ़ें
हार्ट अटैक बनाम कार्डियक अरेस्ट: लक्षण समझें, सही वक्त पर सीपीआर दें और जान बचाए
हाइलाइट्स
- हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में बड़ा फर्क है.
- हार्ट अटैक में धमनियों में ब्लॉकेज से रक्त प्रवाह रुकता है.
- कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है.
हार्ट अटैक के लक्षण. बदलती जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण हार्ट से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट ब्लॉकेज —तीनों अलग-अलग मेडिकल कंडीशन हैं? लोकल 18 से बातचीत में सतना मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. एल.पी. सिंह ने बताया कि इन स्थितियों को सही समय पर पहचान कर तुरंत इलाज किया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में बड़ा फर्क
एक्सपर्ट ने बताया कि हार्ट अटैक तब होता है, जब हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज के कारण रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है. वहीं कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है, जिससे मरीज तुरंत बेहोश या मर सकता है. अगर समय पर सीपीआर (CPR) दिया जाए, तो मरीज की जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.
कैसे पहचानें हार्ट अटैक के लक्षण?
सीने में अजीब बेचैनी, भारीपन, जलन, कसावट या दर्द महसूस होता है, जो 30 मिनट से ज्यादा नहीं टिकता या फिर बार-बार वापस आता है. कई मरीज इसे गैस की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह दिल के दौरे का संकेत हो सकता है.
इसके अलावा जबड़े, गर्दन, पीठ, कंधे या दोनों भुजाओं में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, उल्टी आना, ठंडा पसीना आना और बिना वजह थकान आदि भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में तुरंत ईसीजी कराना जरूरी है.
100% ब्लॉकेज यानी सीधा हार्ट अटैक!
जब हृदय की प्रमुख धमनियों में ब्लॉकेज 100% तक पहुंच जाता है, तो यह मेडिकल इमरजेंसी बन जाती है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आए, तो सबसे पहले उसकी पल्स चेक करें और तुरंत सीपीआर दें. दोनों हाथों से छाती पर जोर से पंपिंग करते रहें. जब तक मेडिकल सहायता न मिल जाए. इससे रक्त संचार बना रहेगा और ब्रेन व किडनी डैमेज होने से बच सकते हैं. कई मामलों में सही समय पर सीपीआर देने से धड़कन वापस लौट आती है और मरीज की जान बच जाती है.
क्या करें, क्या न करें?
थोड़ा भी संदेह हो, तो तुरंत ईसीजी कराएं. हार्ट अटैक की स्थिति में झंडू बाम या घरेलू उपाय न करें. वहीं 10-20 सेकेंड में CPR देना मरीज की जान बचा सकता है. लिपिड प्रोफाइल या कोलेस्ट्रॉल जांच तुरंत जरूरी नहीं होती, पहले ईसीजी कराएं. हार्ट की देखभाल बेहद जरूरी है. सही जानकारी और समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है.
Satna,Madhya Pradesh
March 12, 2025, 11:37 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.