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इस्लाम धर्म में रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है. इस दौरान सभी समझदार लोग रोजा रख सकते हैं. इस पाक महीने में महिलाएं भी रोजे रखती हैं, लेकिन पीरियड्स के दौरान नापाक होने पर महिलाओं के रोजे रखने के अलग नियम है…और पढ़ें
नमाज पढ़ती हुई महिलाएं
फिरोजाबाद: रमजान के पाक महीने में मुस्लिम धर्म के लोग अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए अल्लाह की इबादत करते हैं. इस्लाम धर्म में रमजान के महीने में रोजे रखना सभी समझदार लोगों के लिए फर्ज है. इस पाक महीने में महिलाएं भी रोजे रखती हैं, लेकिन पीरियड्स के दौरान नापाक होने पर महिलाओं के रोजे रखने के अलग नियम हैं. रोजे के दौरान अगर महिलाओं के पीरियड्स शुरू होते हैं, तो वह कुरान के मुताबिक बताए गए नियमों का पालन पर अपने गुनाहों की माफी मांग सकती हैं. पीरियड्स खत्म होने के बाद महिलाएं फिर से रोजे रखना शुरू कर सकती हैं.
पीरियड्स के दौरान महिलाएं नहीं रख सकती रोजे?
फिरोजाबाद में एक मस्जिद के इमाम तनवीर अहमद कासमी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि रमजान का महीना बहुत ही पाक महीना माना जाता है. इस महीने में सभी मुस्लिमों को पाक-साफ होकर रोजे रखना फर्ज है. समझदार बच्चों से लेकर महिला- पुरुष सभी नमाज पढ़ सकते हैं और रोजे रख सकते हैं, लेकिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान नमाज पढ़ना मना है और कुरान के मुताबिक रोजे तोड़ने का भी नियम है, लेकिन पीरियड्स जिस दिन खत्म हो जाएं उसके बाद पाक होकर तुरंत रोजे रखना शुरू कर दें. इमाम ने कहा कि कुरान में महिलाओं को इस दौरान रोजे तोड़ने के लिए माफी दी जाती है. महिलाएं रमजान में रोजे रखें और पीरियड्स होने पर बताए गए नियमों का पालन करें. इससे उन्हे रोजे रखने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
रमजान के बाद होती है रोजों की रजा
इमाम ने कहा कि महिलाओं को पीरियड़्स शुरू होते ही नमाज न पढ़ने और रमजान में रोजे तोड़ने का नियम है, लेकिन जितने दिन तक महिलाएं नापाक रहेंगी उतने दिन तक रमजान में रोजे नहीं रख सकती. पीरियड़्स खत्म होने के बाद रोजे शुरू कर दें और जितने दिन के रोजे छूट गए हैं उन्हे रमजान खत्म होने के बाद रखें. रमजान खत्म होने के बाद महिलाओं के लिए कजा के रोजे रखने का नियम है.
Firozabad,Firozabad,Uttar Pradesh
March 10, 2025, 09:25 IST