तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना।
पटना: राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया। पटना में उनसे नीतीश कुमार के साथ गठबंधन की संभावनाओं को लेकर सवाल किया गया, जिसपर वह नाराज हो गए। तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कहा, ‘‘हम हाथ क्यों मिलाएंगे? आप मौजूदा मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?’’ बता दें कि नीतीश कुमार राजद के साथ गठबंधन तोड़ पिछले साल भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए थे।
गठबंधन पर बोले तेजस्वी यादव
दरअसल, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कथित ‘‘एनडीए द्वारा आरक्षण की चोरी और उसे हजम कर जाने’’ के खिलाफ राजद द्वारा आयोजित धरने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। इसी दौरान उनसे पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव से पहले उनके जद (यू) प्रमुख के साथ हाथ मिलाने की संभावना है? इस पर तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘हम हाथ क्यों मिलाएंगे? आप मौजूदा मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?’’ उनसे कहा गया कि मीडिया के एक वर्ग में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि हाल ही में 74 साल के हुए नीतीश कुमार को इस बात की चिंता है कि चुनाव के बाद भाजपा नेतृत्व परिवर्तन के लिए दबाव डाल सकती है और राजद इस स्थिति का फायदा उठाकर उसके साथ गठबंधन का ‘‘प्रस्ताव’’ देने को तैयार है। इस पर तेजस्वी यादव ने सख्ती से जवाब दिया, ‘‘किसी की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं है। मेरी पार्टी में, केवल राजद अध्यक्ष लालू जी और मैं ही गठबंधन पर कोई भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं। कृपया फालतू बात न करें।’’
नीतीश कुमार पर साधा निशाना
तेजस्वी यादव ने इस बात पर भी जोर दिया कि नीतीश कुमार अब अपना विवेक खो बैठे हैं, जो सार्वजनिक रूप से उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के स्तर से स्पष्ट है। नीतीश कुमार द्वारा सार्वजनिक रूप से पीएम मोदी के पैर छूने की कोशिश करने के कुछ उदाहरणों का हवाला देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘क्या यह एक राज्य के मुख्यमंत्री को शोभा देता है?’’ तेजस्वी यादव ने दावा किया, ‘‘वह दिन दूर नहीं जब कुमार अपने दो मौजूदा उपमुख्यमंत्रियों विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी के पैरों में गिरेंगे।’’ उन्होंने भाजपा पर ‘‘बिहार में अपने आरक्षण विरोधी एजेंडे पर काम करने’’ का आरोप लगाया। राजद नेता ने आरोप लगाया, ‘‘यही कारण है कि जब आरक्षण संबंधी याचिका पर सुनवाई हो रही है, तो सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के वकील ठीक से बहस नहीं कर रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पटना हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें वंचित जातियों के लिए आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने वाले कानूनों को खारिज कर दिया गया था। (इनपुट- पीटीआई)
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