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Aligarh news today in hindi: देश में लोग तमाम तरह के मीठे का सेवन करते हैं. इनमें मिठाइयों से लेकर घरों में बनने वाले स्थानीय मीठे पकवान तक होते हैं. आज ऐसे ही…
रमज़ान माह में सूतफैनी की खासियत और परंपरा,स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी रखे ख्याल
अलीगढ़: रमज़ान का पाक महीना इबादत, रोज़े और दुआओं का होता है. इस पूरे महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह सहरी करके दिनभर रोज़ा रखते हैं और शाम को इफ्तार के वक्त तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवानों से रोज़ा खोलते हैं. इन सहरी और इफ्तार के खास पकवानों में सूतफेनी का अपना अलग महत्व है. सूतफेनी एक पारंपरिक मीठा व्यंजन है, जिसे खासतौर पर रमज़ान के मौके पर बनाया और खाया जाता है. यह महीन-महीन धागों जैसी सेंवई होती है, जिसे दूध, मेवा और शक्कर के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है. सूतफेनी को अधिकतर सहरी करने में इस्तमाल किया जाता है.
कुछ लोग इन मीठी सूतफेनी को सहरी में खाना पसंद करते हैं तो कुछ लोगों के यहां रमज़ान के दौरान इफ्तार के वक्त ठंडी और मीठी सूतफैनी का जायका लेने का रिवाज बहुत पुराना है. बाजारों में रमज़ान के पूरे माह में सूतफेनी की जमकर खरीदारी होती है. दुकानों पर खुशबूदार सूतफैनी लोगों के दिलों को लुभाती है. कई घरों में इसे अलग-अलग तरीके से तैयार किया जाता है. कोई इसे ठंडे दूध और रूह अफजा के साथ खाता है तो कोई इसमें मेवा और खोया डालकर और भी ज्यादा लजीज बना देता है.
सूतफेनी सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि रमज़ान के सहरी और इफ्तार का एक अहम हिस्सा बन चुकी है. इसे खाने से न केवल दिनभर के रोज़े के बाद शरीर को ठंडक मिलती है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है. रमज़ान के इस पाक महीने में सूतफेनी का स्वाद सहरी और इफ्तार दोनों की रौनक को और बढ़ा देता है.
सूतफेनी की कीमत
दुकानदार मोहम्मद शोएब बताते हैं कि सेवइयां बनारस से मंगाई जाती हैं और सूतफेनी हमारे यहां ही बनती हैं. सेवइयों का इस्तेमाल लोग ज्यादातर ईद के समय पर करते हैं और सूतफेनी का इस्तेमाल पूरे रमजान माह में होता है. हमारे यहां जो सूतफेनी बनती हैं वह एक तो सादी होती हैं और रिफाइंड में बनाई जाती हैं. इनकी कीमत ₹200 किलो है. एक देसी घी से बनी सूतफेनी होती है जिसकी कीमत ₹800 किलो है.
इन सूतफेनियों को लोग सहरी के टाइम खाना ज्यादा पसंद करते हैं. इन सूतफेनियों में दो तरह की वैराइटीज होती है. एक रिफाइंड वाली कहलाती है तो दूसरी देसी घी वाली. यह सूतफेनी मैदे से तैयार की जाती हैं. वैसे तो यह फीकी होती हैं लेकिन इनको मीठे दूध में डालकर बनाया जाता है जिससे यह बेहद स्वादिष्ट हो जाती हैं. रमजान माह में इनकी बिक्री बहुत बढ़ जाती है. प्रतिदिन एक कुंटल सूतफेनी की खपत हो जाती है. लोगों से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
Aligarh,Uttar Pradesh
March 09, 2025, 17:12 IST