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Agriculture Tips: अक्सर सर्दियों के मौसम में टमाटर की पैदावार अधिक होती है. इस दौरान टमाटर में मुनाफे के साथ ही किसानों को घाटा भी होता है. जहां टमाटर की तैयार फसल फटने से किसानों को काफी नुकसान होता है. इससे र…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- किसानों को टमाटर फटने से बचाने के उपाय बताए गए.
- नियमित सिंचाई और मल्चिंग से टमाटर की फसल सुरक्षित रहेगी.
- कैल्शियम, पोटाश और बोरॉन का संतुलित उपयोग करें.
रायबरेली: सर्दी के मौसम में आम जनजीवन प्रभावित होने के साथ ही खेती किसानी पर ही सर्दी का गहरा प्रभाव पड़ता है. कई ऐसी फसल हैं, जो ज्यादा प्रभावित हो जाती है. आपको बता दें कि सर्दी के मौसम में प्रभावित होने वाली फसलों में गेहूं, चना, सरसों, मटर, आलू के साथ टमाटर भी है. क्योंकि अत्यधिक ठंड पड़ने के कारण टमाटर की फसल भी प्रभावित होती है.
बता दें कि सर्दी के मौसम में पड़ने वाले कोहरे और पाले का असर फसलों पर ज्यादा पड़ता है. इसी के साथ-साथ अत्यधिक ठंड होने के कारण टमाटर का फल फटना भी शुरू हो जाता है. जिसकी वजह से टमाटर कि खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि किसान समय रहते इस समस्या से बचाव के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. आइए उद्यान विशेषज्ञ से जानते हैं कि आखिर ठंडी के मौसम में टमाटर का फल क्यों फटने लगता है?
कृषि एक्सपर्ट ने बताया
कृषि क्षेत्र में 15 सालों का अनुभव रखने वाले रायबरेली के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह ने लोकल 18 से बताया कि बागवानी कि खेती के अंतर्गत आने वाली टमाटर कि खेती किसानों के लिए बेहद मुनाफे वाली खेती होती है. इसकी खेती करके किसान कम लागत और कम समय में अच्छी कमाई कर लेते हैं. परंतु सर्दी के मौसम में टमाटर कि फसल पर ठंड का काफी प्रभाव पड़ता है. इस मौसम में टमाटर के फल फटना शुरू हो जाते हैं. इससे फसल प्रभावित होने के साथ-साथ पैदावार पर भी कमी आ जाती है. जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है.
टमाटर कि फसल फटने के कारण
कृषि एक्सपर्ट ने बताया कि कि यह समस्या अधिकतर मिट्टी में बोरान की कमी या सूखा पड़ने, अचानक बारिश होने के कारण, नमी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, पौधों में पोषण की कमी के कारण शुरू होती है.
इस तरह करें बचाव
कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक सर्दी के मौसम में टमाटर के फल को फटने से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखें.
1. नियमित सिंचाई करें- मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए नियमित सिंचाई करें. साथ ही ध्यान रखें कि ज्यादा पानी न लगने पाए.
2. मल्चिंग करें- पौधों के आसपास मल्च (घास, भूसा, प्लास्टिक शीट) फैला दें. यह मिट्टी की नमी को बनाए रखने और तापमान को स्थिर रखने में मदद करेगा.
3. संतुलित उर्वरकों का प्रयोग: पौधों को सही मात्रा में कैल्शियम और पोटाश दें. ये फल के छिलके को मजबूत बनाए रखते हैं.
4. कैल्शियम नाइट्रेट (CaNO₃) 50 ग्राम- यह टमाटर के छिलके को मजबूत बनाता है और फलों को फटने से रोकता है.
5. पोटाश (MoP): 50 ग्राम- पोटाश पौधों को मजबूत बनाता है और जल संतुलन को नियंत्रित करता है.
6. बोरॉन पाउडर (Borax): 20 ग्राम- बोरॉन फूल और फलों के विकास में मदद करता है.
7. पानी: 10 लीटर- घोल तैयार करने के लिए स्वच्छ पानी का उपयोग करें.
8. ऐसे तैयार करें घोल – 10 लीटर पानी में 50 ग्राम कैल्शियम नाइट्रेट, 50 ग्राम पोटाश और 20 ग्राम बोरॉन पाउडर डालें.
मिश्रण को अच्छी तरह हिलाएं, ताकि यह पूरी तरह घुल जाए.
9. ऐसे करें छिड़काव- इस घोल को पत्तियों और फलों पर हल्के से स्प्रे करें, छिड़काव सुबह या शाम के समय करें, ताकि घोल सीधे धूप में सूख न जाए. प्रति 7-10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें. फल बनने के शुरुआती चरण से छिड़काव शुरू करें और पूरी फसल के दौरान जारी रखें.
Rae Bareli,Uttar Pradesh
January 26, 2025, 10:01 IST