यूपी की 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। हालांकि अभी चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है। उपचुनाव से पहले भाजपा ने दिल्ली में रविवार को एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चर्चा हो सकती है। मीटिंग में शामिल होने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन भी शामिल होंगे।
मीटिंग को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष संबोधित करेंगे। मीटिंग में भाजपा कितने सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और कितनी सीटें सहयोग दलों को देगी, इस पर भी चर्चा होगी। हालांकि प्रदेश कोर कमेटी पहले ही 9 सीटों के लिए तीन तीन नामों का पैनल पहले ही भेज चुकी है। इसमें मीरापुर सीट रालोद के खाते में जाती दिख रही है। एक सीट निषाद पार्टी को देने की चर्चा हो रही है। मीटिंग में निषाद पार्टी को एक सीट देने का फैसला लिया जा सकता है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा यूपी उपचुनाव के जरिए लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहती है। इसके लिए भाजपा ने यूपी की सभी 10 सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर खास रणनीति बनाई है। पार्टी 10 सीटों को जीतने के लिए किसी तरह की कमी छोड़ना नहीं चाहती है। इसी को देखते हुए भाजपा ने रविवार को दिल्ली में मीटिंग बुलाई है।
यूपी की इन 10 सीटों पर होने हैं उपचुनाव
लोकसभा चुनाव में खाली हुईं यूपी की 10 सीट करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मंझवा और सीसीमऊ पर उपचुनाव होने हैं। इनमें पांच सीटें सपा के पास थीं, जबकि रालोद और निषाद पार्टी के खाते में एक-एक सीट थी। बाकी तीन सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमा रखा था। इन सभी सीटों के जनप्रतिनिधि लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए। तब से ये सीटें खाली हो गईं। लोकसभा चुनाव में जिस तरह से यूपी में सपा की सीटें आईं उसने सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया था।