सुल्तानपुरः (रिपोर्टः अजीत गिरी) हमेशा से लोगों की अंतिम यात्रा भारी दुख के साथ निकाली जाती है. किसी अपनों के बिछड़ने के गम में लोग कई दिनों बल्कि सालों तक खुशियां मनाने की सोच भी नहीं पाते. लेकिन सुल्तानपुर शहर में एक बुजुर्ग की अंतिम यात्रा बेटे बड़ी धूमधाम से निकाली. यात्रा में ढोल-बाजे और डीजे बजवाया गया. इतना ही नहीं बल्कि लोगों ने जमकर डांस भी किया. साथ ही बेटे ने लोगों पर नोट उड़ाए. मृतक के बेटे ने कहा कि अंतिम विदाई रो-गाकर नहीं करनी चाहिए रोने से जाने वाले की आत्मा को तकलीफ होती है.
सुल्तानपुर के एक बेटे ने अपने पिता की मौत पर श्मशान घाट पर जश्न मनाया. साथियों संग उसे निशान घाट पर जमकर डांस किया. डीजे बजे और शहर में बैंड बाजे के साथ अंतिम संस्कार का स्वागत अभिनंदन किया गया. अंतिम यात्रा का यह अनोखा अंदाज जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. यह सब हुआ सुल्तानपुर जिले के नगर कोतवाली इलाके के नारायणपुर वार्ड में. जहां पर दुर्गापुर मोहल्ले के रहने वाले श्रीराम के पिता रामकिशोर मिश्रा का निधन हो गया. 80 साल से अधिक के रामकिशोर के निधन पर उनके बेटे श्री राम ने बाकायदा बैंड बाजे और जश्न के साथ अंतिम संस्कार किया. श्मशान घाट पर अंतिम यात्रा पहुंचते ही साथियों संग बेटा जमकर डांस किया और पैसे बांटा.
इस दौरान डीजे की धुन पर नाचने वालों की संख्या दर्जन भर से अधिक देखी गई. पूरे शहर में बैंड बाजा और उनके समर्थक और साथी नृत्य करते रहे. यही नहीं बाजा बजाने वालों के सीर पर फेरी करते हुए नोटों की गड्डी भी लुटाई गई. 13वीं यानी अंतिम संस्कार के भोज में भी बैंड बाजा के साथ लोगों को भोजन कराया गया. परिवार और घर वाले भी मुखिया के निधन पर जश्न मानते और नाचते गाते देखे गए. मृतक के बेटे श्री राम ने कहा कि अंतिम विदाई रो गाकर करनी ही नहीं चाहिए. रोने से जाने वाले की आत्मा को तकलीफ होती है. यह भी जीवन का एक उत्सव है और इसी तरह मनाया जाना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 08:02 IST