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उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन लगातार ऐतिहासिक समारकों की खोज कर रहा है। चंदोसी की बावड़ी की खुदाई 9 दिनों से जारी है। अब एक नई बावड़ी मिली है, जो गणेशपुर में है। यहां भी प्रशासन की टीम पहुंची है।
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गणेशपुर गांव में मिली बावड़ी को जिले की सबसे विशाल बावड़ी बताई जा रही है। प्रशासन की टीम ने बावड़ी की फोटो और वीडियोग्राफी कराई है। राजस्व विभाग की टीम बावड़ी के अभिलेखों की जांच करने में जुटी है।
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वहीं, संभल के चंदोसी में 9 दिन से दनादन फावड़ा चल रहा है। 216 घंटे से 60 मजदूरों की टीम दनादन खुदाई कर रही हैं। पहले सिर्फ बावड़ी के अंदर खुदाई और सफाई चल रही थी, लेकिन रहस्य से पर्दा उठाने का काम अब तेज हो गया है।
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ASI की टीम भी बावड़ी की खुदाई की नजर बनाए हुई है। पहले वाबड़ी के एक हिस्से पर ही खुदाई चल रही थी, लेकिन अब दूसरे हिस्से पर भी काम शुरू हो गया है। सुरंग के तरफ की खुदाई शुरू हो चुकी है।
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चंदोसी में मिली बावड़ी के मुख्य द्वार की प्राचीन फोटो सामने आई है। संभल में जैसे बावड़ी की खुदाई का काम आगे बढ़ रहा है। वैसे-वैसे रानी की रहस्य के रहस्यों से पर्दा उठ रहा है। सालों से जमीन में दफन रानी की बावड़ी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है। हर रोज ये भीड़ बढ़ती जा रही है।
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रानी की बावड़ी के जो दस्तावेज मौजूद हैं। उसके मुताबिक बावड़ी की गहराई 250 फीट है। अब तक रानी की बावड़ी में 12 फीट की खुदाई हो चुकी है। तीन मंजिला बावड़ी का पहला तल पूरी तरह से साफ हो गया है। बावड़ी की खुदाई में अब तक 4 कमरे, दीवारों पर आले, मिट्टी के बर्तन, ईंटें और पत्थरों की कलाकृतियां भी मिली हैं।