दिल्ली: पिछले कुछ वर्षों में, खासकर 25-40 साल के युवाओं में हार्ट अटैक की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. पहले इसे उम्रदराज़ लोगों की समस्या माना जाता था, लेकिन अब ये युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रहा है. इसका मुख्य कारण है जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि ज्यादा काम के घंटे, अकादमिक तनाव, अत्यधिक स्क्रीन टाइम, और अनियमित नींद के पैटर्न, तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
नींद की कमी और दिल की सेहत
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निम्मित सी. शाह ने बताया हैं अनियमित नींद के पैटर्न (Irregular sleep patterns), रात को देर तक काम करना या नींद-जागने के समय में बदलाव से दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.” नींद का सही पैटर्न हॉर्मोनल बैलेंस और दिल की सेहत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है. जब यह बैलेंस बिगड़ता है, तो हाइपरटेंशन, डायबिटीज और मोटापा जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जो अंततः दिल की बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
अनियमित नींद से दिल पर असर
डॉ. शाह आगे बताते हैं कि नींद की कमी से शरीर में सूजन, रक्तचाप का उतार-चढ़ाव, और मेटाबोलिक डिसरेगुलेशन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो दिल के दौरे का कारण बन सकती हैं.
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नींद को सुधारने के टिप्स
सप्ताह के दिनों में भी नियमित नींद का पालन करें: इससे आपके शरीर का जैविक घड़ी सेट (biological clock set) रहेगा और आप बेहतर महसूस करेंगे.
सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल कम करें: कमरे में शांति और अंधेरा होना चाहिए ताकि गहरी नींद आ सके.
कैफीन, निकोटीन और भारी भोजन से बचें: इनसे नींद में खलल पड़ता है.
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से नींद में सुधार होता है.
डॉक्टर से सलाह लें: अगर नींद की समस्या बनी रहती है, तो विशेषज्ञ से परामर्श लें.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 13:29 IST
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