मऊ: उत्तर प्रदेश के जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र बताया कि स्वामित्व योजना का शुभारंभ 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर किया गया था. यह सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने का एक सर्वेक्षण कार्यक्रम है. योजना के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि ग्रामीण नियोजन के सटीक भूमि अभिलेख तैयार करना, वित्तीय स्थिरता जिससे नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने में सक्षम बनाना, सटीक भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध कराकर संपत्ति विवाद को कम करने सहित इसके तमाम उद्देश्य हैं.
स्वामित्व योजना का एक उद्देश्य राजस्व संग्रहण को सुव्यवस्थित करना और यह सुनिश्चित करना कि निवासियों को उनके संपत्ति अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाए. उन्होंने बताया कि यह योजना ग्रामीण आबादी वाली भूमि के सीमांकन हेतु ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक पर आधारित है. राज्य सरकार गांव के हर घर के लिए संपत्ति कार्ड बनाती है जिसे स्वामित्व कार्ड अथवा घरौनी के रूप में जाना जाता है. जनपद में तैयार घराेनियों से संबंधित डाटा के संदर्भ में उन्होंने बताया कि तैयार घरौनियों की संख्या 75,919 है जिसमें 24 अप्रैल 2023 तक कुल 30,914 घरौनियों का वितरण भी किया जा चुका है.
इस दौरान उन्होंने बताया कि राजस्व परिषद से घरौनी वितरण हेतु कुल 43,709 का लक्ष्य दिया गया है जिसके सापेक्ष 45,005 घरौनियां तैयार हैं. उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डिजिटल घरौनियों का वितरण किया जाना है. जनपद में भी मुख्यालय, ब्लॉक और समस्त ग्राम पंचायतों में घरौनी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका प्रसारण लिंक के माध्यम से यूट्यूब चैनल पर भी किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जनपद स्तर पर नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है. ये सरकारी कर्मचारी तैयार समस्त घरौनियों का वितरण सुनिश्चित करेंगे. ऐसे में जिन घर वालों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा उनको घर से बेघर नहीं होना पड़ेगा.
FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 22:50 IST