लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर जिले में अब पशुपालन एक बढ़ता हुआ बिजनेस हो गया है. पशुपालक अच्छे नस्ल की गायों को खरीद रहे हैं. किसान पशुपालन में लाखों रुपए खर्च करते हैं. वे ऐसे जानवर खरीदते हैं, जो ज्यादा दूध देते हैं. परंतु पशुपालन करने से पहले गायों के नस्ल के बारे में अधिक जानकारी न होने के कारण काफी नुकसान भी होता है, जिसको लेकर लोकल 18 एनिमल एक्सपर्ट से खास बातचीत की.
कृषि विज्ञान केंद्र के एक्सपर्ट ने बताया
जमुनाबाद कृषि विज्ञान केंद्र पर तैनात एक्सपर्ट डॉ. नागेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर आप डेरी पालन करना चाहते हैं, तो गायों को खरीदने से पहले उनकी नस्ल के बारे में सही से जानकारी कर लें. डेरी पालन करते समय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना चाहिए. दुनिया में सबसे ज़्यादा दूध देने वाली गाय होल्स्टीन है. यह काली और सफेद रंग की होती है और औसतन रोज 28 लीटर दूध देती है.
इन नस्ल की गायों से है तगड़ी कमाई
बता दें कि लखीमपुर खीरी को तराई क्षेत्र कहा जाता है. ऐसे में यहां पशुपालन करना एक कठिन समस्या है. अगर आप पशुपालन कर रहे हैं, तो आप सबसे पहले साहिवाल गाय, हरियाणा गाय, थारपारकर गाय, राठी, गिरी गाय इन नस्ल की गायों का पालन कर अच्छा खासा मुनाफा सकते हैं. एनिमल एक्सपर्ट डॉ नागेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पशुपालन करते समय पशुओं को हमेशा हरा चारा ही देना चाहिए, जिससे दूध उत्पादन में कमी न आए.
डेयरी मालिकों की पसंदीदा है यह गाय
उन्होंने बताया कि साथ ही जौ, ज्वार, गेंहूं, मक्का, बाजरा, नेपियर घास, सुडान घास, बरसीम की सूखी घास, ज्वार और बाजरे की कड़बी आदि दिया जाना चाहिए. साहिवाल गाय रोजाना 10-20 लीटर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है. अच्छी देखभाल पर इस गाय के दूध देने की क्षमता बढ़कर 40 से 50 लीटर हो सकती है. किसानों और डेयरी मालिकों के लिए ये गाय हमेशा से पसंदीदा रही है.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 07:41 IST