इस साल मार्गशीर्ष शिवरात्रि 29 नवंबर दिन शुक्रवार को है. इसे अहगन शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव शंकर की पूजा करते हैं. इस साल मार्गशीर्ष शिवरात्रि पर शिव पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11:43 बजे से देर रात 12:33 बजे तक है. इस समय में पूजा तंत्र और मंत्र की सिद्धि के लिए करते हैं. वैसे आप शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से लेकर पूरी रात कभी भी भगवान भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं. शिव पूजा में पंचांग नहीं देखते हैं. आप राहुकाल में भी शिव आराधना कर सकते हैं. इससे कालसर्प दोष मिटता है. इस साल की मार्गशीर्ष शिवरात्रि शोभन योग और स्वाति नक्षत्र में है.
तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष शिवरात्रि की तिथि के लिए जरूरी मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी का प्रारंभ 29 नवंबर को सुबह 08:39 बजे से है, जो 30 नवंबर को सुबह 10:29 बजे तक रहेगी. मार्गशीर्ष शिवरात्रि के दिन आप अपनी राशि के अनुसार शुभ फलदायी मंत्र का जाप करके अपने मनोकानाओं की पूर्ति कर सकते हैं.
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राशि अनुसार शुभ फलदायी शिव मंत्र
मेष: ओम नम: शिवाय
वृषभ: ओम नागेश्वराय नमः
मिथुन: ओम नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ओम नम:
कर्क: ओम चंद्रमौलेश्वर नम:
सिंह: ओम नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ओम नम:
कन्या: ओम नमो शिवाय कालं ओम नम:
तुला: ओम श्रीकंठाय नम:
वृश्चिक: ओम हौम ओम जूँ स:
धनु: ओम नमो शिवाय गुरु देवाय नम:
मकर: ओम हौम ओम जूँ स:
कुंभ: ओम हौम ओम जूँ स:
मीन: ओम नमो शिवाय गुरु देवाय नम:
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कैसे करें शिव मंत्र जाप?
शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में या फिर सूर्योदय के बाद स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें. उसके बाद व्रत रखकर शिव जी की विधि विधान से पूजा करें. उसके बाद एक आसन पर बैठ जाएं. वह आसन कंबल, कुश आदि का बना हो तो ज्यादा अच्छा है. आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में हो, इस बात का ध्यान रखें. उसके बाद आप अपने मन को शांत कर लें. फिर भगवान शिव का मन में ध्यान करके रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें. मंत्र जाप के समय में क्रोध, दुर्भावना आदि से दूर रहें. मंत्र जाप 108 बार कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 12:02 IST