Next CAG, IAS K Sanjay Murthy Story: भारत सरकार की संस्था CAG का फुल फॉर्म होता है- (Comptroller & Auditor General of India-CAG) इसे हिन्दी में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कहते हैं. यह देश की सबसे बड़ी लेखा परीक्षा संस्था है. सीएजी एक संवैधानिक पदाधिकारी होता है. केंद्र सरकार ने आईएएस के संजय मूर्ति (K. Sanjay Murthy) को नया सीएजी नियुक्त किया है. अभी वर्तमान में जीसी मुर्मू सीएजी हैं. उन्हें 8 अगस्त 2020 को सीएजी बनाया गया था. उनका कार्यकाल 20 नवंबर को समाप्त हो रहा है. अब के संजय मूर्ति उनकी जगह लेंगे. अक्सर UPSC, MPPSC, UPPSC समेत अलग-अलग कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सीएजी से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं, तो आइए जानते हैं कि भारत के नए सीएजी बनने वाले के संजय मूर्ति कौन हैं और कब आईएएस अधिकारी बने थे?
इंजीनियरिंग के बाद पास की UPSC परीक्षा
के संजय मूर्ति 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. के संजय मूर्ति ने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया, उसके बाद यूपीएससी की परीक्षा दी. उन्होंने 1988 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की थी. उन्हें हिमाचल कैडर का आईएएस नियुक्त किया गया.
हिमाचल प्रदेश में किया काम
के संजय मूर्ति हिमाचल प्रदेश में 13 साल तक अलग-अलग पदों पर रहे और यहां काम किया. वह हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में उपायुक्त के पदों पर भी रहे. वर्ष 2002 से 2007 के दौरान वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और संचार एवं आईटी मंत्रालय में काम किया. इन मंत्रालयों में काम करने के बाद वह नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नमेंट (एनआईएसजी) हैदराबाद में तीन साल तक रहे. 2007 में वह जब हिमाचल प्रदेश में वापस लौटे, तो उन्हें हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन का एमडी बनाया गया. 2011 से 2013 तक वह हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों में कार्यरत रहे. बीच में एक साल वह प्रदेश में परिवहन, आवास और शहरी विकास मंत्रालय में प्रधान सचिव के पद पर भी रहे.
2014 में केंद्र में वापसी
वर्ष 2014 में के संजय मूर्ति एक बार फिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए. यहां उन्होंने केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय ज्वाइन किया. 2018 में उनका तबादला केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में किया गया, जहां वह दिल्ली विकास प्राधिकरण और शहरी परिवहन के मामले देखते थे. वह एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड के बोर्ड के निदेशक भी रहे. वर्तमान में वह उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के पद पर तैनात हैं. अब उन्हें नया सीएजी बनाया गया है.
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सीएजी होता क्या है?
भारत का नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (Comptroller & Auditor General of India – CAG) भारत के संविधान के तहत एक स्वतंत्र प्राधिकरण होता है. भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग (Indian Audit & Accounts Department) का प्रमुख और सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख संरक्षक होता है. सीएजी यानी कैग के माध्यम से संसद और राज्य विधानसभाओं के लिये सरकार और अन्य सार्वजनिक प्राधिकरणों (सार्वजनिक धन खर्च करने वाले) की जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है और यह जानकारी आम जनता को दी जाती है. भारत में महालेखाकार का कार्यालय 1858 में स्थापित किया गया था. वर्ष 1860 में सर एडवर्ड ड्रमंड को पहला ऑडिटर जनरल नियुक्त किया गया था. भारत के महालेखापरीक्षक को भारत सरकार का लेखा परीक्षक और महालेखाकार कहा जाता था. वर्ष 1866 में इसका नाम बदलकर नियंत्रक महालेखा परीक्षक कर दिया गया. वर्ष 1884 में इसे भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक का नाम दिया गया. आजादी के बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक नियंत्रक और महालेखापरीक्षक नियुक्त किये जाने का प्रावधान किया गया.
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FIRST PUBLISHED : November 19, 2024, 13:29 IST