शिमला. मौजूदा समय में ड्राई स्पेल चल रहा है. बारिशें नहीं हो रही है, जिस कारण सूखी ठंड बढ़ने लगी है. ऐसे में लोगों के बीमार होने का सिलसिला भी बढ़ रहा है. इस दौरान अस्पतालों में भी इन्फेक्शन के अधिकतर मरीज देखे जा रहे है. लोग कई प्रकार की मौसमी बीमारियों से ग्रसित हो रहे है. इनमें मुख्य रूप से गला खराब होना, नाक बहना और वायरल आदि शामिल है.
अधिकतर लोग मौसम बदलने के कारण होने वाली टेंपररी बीमारियों के लिए दवाइयों का सेवन अधिक मात्रा में कर लेते है, जो बाद में उन्हें नुकसान पहुंचता है. डॉक्टर्स की राय के अनुसार बदलते मौसम के दौरान होने वाली बीमारियों में अधिक दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए.
2 से 3 दिन बाद ठीक न हो बुखार तो डॉक्टर को दिखाए
IGMC के मैडिसन विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. बलबीर वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि ड्राई स्पेल के दौरान अस्पतालों में एलर्जी के अधिकतर मरीज पहुंचते है, जिनमें गला खराब होना, नाक बहना और वायरल आदि वाले लोग शामिल है. वायरल में एक या दो दिनों तक तेज बुखार आता है और इसके बाद ठीक होने लगता है. ज्यादा बुखार या खांसी के दिन बहुत कम दवाइयां, जैसे पैरासिटामोल आदि का सेवन किया जा सकता है. वहीं, खांसी के लिए कोसे पानी के गरारे भी किए जा सकते है. लेकिन, यदि इसके बाद भी यह बुखार ठीक नहीं होता है, डॉक्टर को दिखाना चाहिए. ऐसी स्थिति में कोई अलग प्रकार का इन्फेक्शन होने की संभावना भी होती है.
2 से 3 सप्ताह तक रह सकती है खांसी
डॉ. बलबीर वर्मा ने बताया कि मौसम बदलने के साथ होने वाली खांसी लगभग 2 से 3 सप्ताह तक रह सकती है. लेकिन, यह शुरुआती 4 से 5 दिनों के बाद कम होने लगती है. इसे पूरी तरह ठीक होने में एक से 2 सप्ताह या कभी कभी 3 सप्ताह भी लग सकते है. इस दौरान यदि कोई भी बुखार नहीं है और व्यक्ति ठीक प्रकार से खाना खा रहा है, तो बिना वजह एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि, उससे खांसी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. खांसी के दौरान एक्सरे में यदि कोई साइनसाइटिस जैसा इन्फेक्शन आता है, तो एंटीबायोटिक का सेवन किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 23:30 IST