कोच्चि के कई सीबीएसई स्कूलों में प्री-किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 2 तक के छात्रों के प्रोग्रेस कार्ड पर इमोजी और स्टार्स ने अंकों या ग्रेड की जगह ले ली है। कोच्चि के कई स्कूलों ने इस शैक्षणिक वर्ष में अपने छात्रों के साथ इस प्रणाली को लागू करना शुरू कर दिया है। नए कार्यक्रम में बच्चों को उनकी गतिविधियों के आधार पर मूल्यांकन करने पर फोकस किया गया है, जो लिखित परीक्षाओं से अलग है। पारंपरिक तरीके से अंक और ग्रेड देकर पुरस्कृत करने के बजाय, यह नई मूल्यांकन पद्धति शुरू की गई है।
‘…जिससे फीडबैक छात्रों के लिए बन सकता है प्रेरक’
कोच्चि के एक सीबीएसई स्कूल के शिक्षक ने कहा, “कल्पना कीजिए कि अगर इनकी जगह ताली बजाने वाले हाथ, एक स्टार या यहां तक कि एक ट्रॉफी जैसे इमोजी रख दिए जाएं तो कितना उत्साह होगा। ऐसे दृश्य संकेतों का गहरा प्रभाव हो सकता है, जिससे फीडबैक छात्रों के लिए अधिक यादगार और प्रेरक बन सकता है।”
उन्होंने कहा, “शीघ्र हस्तक्षेप से छात्रों में छोटी उम्र से ही सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद मिल सकती है, साथ ही प्रदर्शन और ग्रेड का दबाव भी कम हो सकता है, और यह नई प्रणाली की मुख्य विशेषता है।”
‘इससे छात्रों के कौशल में वृद्धि होगी’
सीबीएसई मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष टी पी इब्राहिम खान ने भी कहा, “इससे छात्रों के कौशल में वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा कि नई प्रणाली का उद्देश्य संचार, सक्रिय शिक्षण तथा समग्र स्वास्थ्य एवं कल्याण जैसे कौशलों के विकास को प्रोत्साहित करना है। खान ने दावा किया, “यह नई शिक्षा नीति (एनईपी) का हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि नीति में प्री-किंडरगार्टन और दो किंडरगार्टन, कक्षा 1 और कक्षा 2 को फाउंडेशन स्टेज में शामिल किया गया है। इसलिए, इन कक्षाओं के लिए एक पैटर्न निर्धारित किया गया है।
खान के अनुसार, स्कूल यूनिफॉर्म पर स्टार लगाकर जाने से छात्रों को गर्व महसूस होगा, हालांकि सीबीएसई ने स्कूलों में इस व्यवस्था को लागू करने के निर्देश नहीं दिए हैं। स्कूल प्राधिकारियों ने बताया कि सुचारू परिवर्तन के लिए स्कूलों ने शिक्षकों के लिए बैठकें आयोजित कीं और एकीकृत मूल्यांकन डेवलप किया। (With PTI Input)
ये भी पढ़ें-
इस तारीख तक यहां बंद रहेंगे सभी सरकारी स्कूल और कॉलेज, जानें क्या है कारण