UGC NET Result : यूजीसी नेट परीक्षा के रिजल्ट में देरी का मामला कहीं सुप्रीम कोर्ट न पहुंच जाए। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उज्ज्वल गौर यूजीसी नेट रिजल्ट में देरी का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में उतर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) और दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) के सदस्य उज्ज्वल गौर ने यूजीसी और एनटीए को पत्र लिखकर कहा है कि यूजीसी नेट परिणाम की घोषणा में लंबे समय तक देरी के कारण छात्रों को काफी दिक्कतों और तनाव का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने संकेत दिए कि अगर रिजल्ट में देरी जारी रहती है तो वे छात्रों को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मैंने औपचारिक रूप से यूजीसी के अध्यक्ष और एनटीए के अध्यक्ष को पत्र लिखकर यूजीसी नेट का परिणाम तत्काल जारी करने का आग्रह किया है। लगातार हो रही देरी छात्रों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और इससे अनावश्यक परेशानी हो रही है। यदि जरूरत पड़ी तो हम न्यायिक हस्तक्षेप के लिए तैयार हैं। निश्चिंत रहें, न्याय की इस लड़ाई में मैं आपके साथ मजबूती से खड़ा हूं। मजबूत बने रहें, हम सब मिलकर इससे निपट लेंगे!’
यूजीसी और एनटीए को लिखे पत्र में गौर ने यूजीसी नेट रिजल्ट में हो रही लंबी देरी से स्टूडेंट्स के सामने आ रहीं अकादमिक और पेशेवर समस्याओं पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि परिणाम में देरी न सिर्फ स्टूडेंट्स के प्रयासों को कमतर आंकना है बल्कि यह उनके मौलिक अधिकार (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 व 19 (1) – जी) का उल्लंघन भी है जो कि कानून के समक्ष समानता और किसी भी पेशे को चुनने की आजादी देता है। गौर ने एनटीए और यूजीसी को ऐसे समय पर चेताया है जब बहुत सी एकेडमिक और प्रोफेशनल वैकेंसी के आवेदन बंद होने वाली है। रिजल्ट में देरी से स्टूडेंट्स उन भर्तियों में आवेदन से वंचित रह जाएंगे।
स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर जता रहे विरोध
यूजीसी नेट परीक्षार्थी बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर एनटीए व यूजीसी से यूजीसी नेट रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। वे एनटीए व यूजीसी को टैग कर देरी पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। परीक्षार्थियों का कहना है कि पहले तो बेवजह पेपर रद्द कर दिया गया, फिर अब रीएग्जाम का रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आंसर-की में भी काफी गड़बड़ियां थीं, कुछ पेपरों में 150 में से 30 प्रश्नों के उत्तर गलत थे। ऐसे में उन्हें रिजल्ट के साथ साथ फाइनल आंसर-की का भी इंतजार है।
एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 21 अगस्त से 4 सितंबर के बीच जून सेशन की यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन किया था। इससे पहले जून सत्र की यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन 18 जून 2024 को किया गया था लेकिन पेपर लीक होने के संदेह पर इसे रद्द कर दिया गया था। हालांकि बाद में सीबीआई जांच में यह सबूत गलत पाए गए थे।
देश भर के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में जूनियर प्रोफेसर फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यूजीसी की नेट परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। इस बार से पीएचडी में एंट्रेंस के तौर पर भी यूजीसी नेट स्कोर स्वीकार किया जाना है।