चित्रकूट: चित्रकूट प्रभु श्री राम की तपोस्थली के रूप में प्रसिद्ध है. देव दीपावली के पावन अवसर पर यहां का रामघाट एक दिव्य आभा से झिलमिला उठा. मान्यता है कि भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का एक लंबा समय 11 साल और 6 महीने इसी पवित्र भूमि पर बिताया था. आज इसी भूमि पर रामघाट और बरहा के हनुमान मंदिर पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना.
21,000 दीपों से सजा रामघाट
नगर पालिका कर्वी की ओर से अधिशासी अधिकारी लाल जी यादव ने बताया कि इस विशेष अवसर पर रामघाट के तट पर कुल 21,000 दीप जलाए गए हैं. इसके लिए घाट को भव्य रूप से सजाया गया जिससे दीपों की रौशनी मंदाकिनी नदी के पानी पर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हुई नजर आई. यह दिव्य आयोजन श्रद्धालुओं के हृदय में प्रभु श्री राम के प्रति भक्ति की भावना को और अधिक गहरा कर गया. दीपों की जगमगाहट के बाद रंग-बिरंगी आतिशबाजी भी हुई, जिसने इस आयोजन को और भी भव्यता प्रदान की.
आचार्य विपिन विराट महाराज का विशेष योगदान
इस कार्यक्रम में आचार्य विपिन विराट महाराज की ओर से भी खास भूमिका निभाई गई. आचार्य जी ने न केवल श्रद्धालुओं को धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का मार्गदर्शन किया, बल्कि इस दिव्य आयोजन में भाग लेकर बरहा के हनुमान में 21 हजार दीपों को जलाकर सभी को प्रोत्साहित भी किया. उन्होंने बताया कि चित्रकूट की यह देव दीपावली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि प्रभु राम के प्रति असीम श्रद्धा की अभिव्यक्ति है.
संतों की उपस्थिति और श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
रामघाट पर मौजूद संतों ने बताया कि इस बार देव दीपावली के अवसर पर लाखों श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचे हैं. सभी श्रद्धालु मां मंदाकिनी नदी के तट पर दीपदान कर रहे हैं और पूरे चित्रकूट में भक्ति और श्रद्धा की लहर है. संतों के अनुसार, देव दीपावली के दिन दीपदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख, समृद्धि और कल्याण का आगमन होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 23:01 IST