मुज़फ्फरनगर. जनपद में स्थित शुक्रताल तीर्थ नगरी में गंगा स्नान पर कार्तिक मेले का आयोजन जिला पंचायत द्वारा हर वर्ष कराया जाता है. इस बार भी 11 नवंबर से 15 नवंबर तक इस मेले का आयोजन कराया जाएगा. इसमें दूर दराज़ से बड़ी संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं. इसको लेकर हमेशा से चर्चाओं में रहने वाले योग साधना आश्रम के महंत यशवीर जी महाराज ने शुक्रताल क्षेत्र में जगह-जगह होर्डिंग्स लगवा कर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम पूजा-पाठ का सामान ना बेचें.
इसमें उन्होंने कहा है कि इस मेले में खाद्य पदार्थों की दुकान लगाने वाले दुकानदारों को अपनी दुकानों पर मोटे-मोटे अक्षरों में अपने नाम का बोर्ड लगाना होगा और अगर मेले में कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पूजा पाठ की सामग्री बेचता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा और उसे मेल से बाहर निकाल दिया जाएगा. यशवीर जी महाराज की माने तो 500 लोगों की टीम उन्होंने इस मेले में लगाई है जो चारों कोनों में हर जगह इस चीज पर निगरानी रखेगी. महाराज जी का कहना है कि जब इस्लाम धर्म में मूर्ति पूजन करना सबसे बड़ा हराम कहा गया है तो उन लोगों को हमारी पूजा पाठ का सामान बेचने का भी कोई अधिकार नहीं है.
कावड़ मेले के दौरान उठाया था मुद्दा, यूपी सरकार ने दी थी हरी झंडी
आपको बता दे कि कावड़ मेले के दौरान यशवीर जी महाराज ने कावड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर नाम के पोस्टर लगाने का मुद्दा उठाया था. जिस बात में यूपी सरकार ने भी अपनी हरी झंडी दे दी थी. लेकिन अब इस मेले के दौरान यशवीर जी महाराज द्वारा लगवाए गए ये होर्डिंग जनपद में एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हुए हैं. यशवीर महाराज ने कहा कि यह तो आप लोग भी जानते हैं और इस्लाम मजहब के लोग भी जानते हैं कि इस्लाम मजहब में मूर्ति पूजा करना सबसे बड़ा हराम कहा गया है और जब मूर्ति पूजा करना हराम है उनके अनुसार तो हमारे सनातन धर्म की पूजा पाठ का सामान बेचने का उनको अधिकार नहीं है. इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि कोई भी मुसलमान वहां पर पूजा पाठ का सामान न बेचे यदि वहां पर कोई पूजा पाठ का सामान बचेगा तो उसको मेले से बाहर कर दिया जाएगा.
मूर्ति पूजा को हराम मानने वाले क्यों गड़बड़ी कर रहे
यशवीर महाराज ने कहा कि इसके साथ में हमने एक और बात रखी है की मेले के अंदर जो भी खानपान की दुकानें हैं दुकानदार मोटे अक्षरों में उस पर अपना नाम लिखेगा और मेले के अंदर इस तरह का कोई खुराफात ना हो उसका यह भी है तो इसलिए मैं मुसलमान से कहना चाहूंगा कि मुसलमान वहां पर किसी भी प्रकार की दुकान न लगाये यह अच्छा ही रहेगा क्योंकि मेंला तो सनातन धर्म के लोगों का है और मेले में सभी लोग पूजा पाठ करते हैं गंगा स्नान करते हैं और मूर्ति पूजा करना गंगा स्नान करना दोनों ही मुसलमान के इस्लाम मजहब में हराम है तो फिर तो फिर भी यह लोग वहां जाकर के क्यों गड़बड़ करते हैं?
सनातन धर्म और आस्था का प्रश्न है, कोई इसे बर्दाश्त नहीं करेगा
यशवीर महाराज ने कहा कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी से हमारी कोई वार्ता नहीं हुई क्योंकि यह तो हमारा सनातन धर्म का है हमारी आस्था का प्रश्न है यदि कोई हमारी आस्था के साथ में खिलवाड़ करेगा तो सनातन धर्म का बच्चा-बच्चा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा और कुछ बातें ऐसी होती हैं की शासन के द्वारा होती हैं लेकिन कुछ विषय ऐसा होता है कि जो धार्मिक भावना को मानने वाले हैं वह उनकी भावना से जुड़ा हुआ विषय होता है तो उस विषय की चिंता उस विषय का कार्य करना उसे ही लोगों का कार्य है इसलिए यह हमारे धार्मिक भावना का विषय है. यह हमें ही करना है और हम किसी भी कीमत पर वहां मुसलमानों को पूजा-पाठ का सामान बेचने नहीं देंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 22:39 IST