साल 1993 में 12 नवंबर को सिनेमाघरों में फिल्म बाजीगर रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने 90 के दशक में बॉलीवुड में रिकॉर्ड बनाए थे। इसी फिल्म ने शाहरुख खान को शोहरत के फलक की पहली सीढ़ी दी थी। लेकिन केवल शाहरुख खान ही बॉलीवुड को इस फिल्म से नहीं मिले थे। फिल्म ने बॉलीवुड को संगीत का ऐसा खजाना दिया जिसने अपने सुपरहिट्स ने हिंदी गानों को गांव-गांव तक पहुंचाया। इनके गानों की दीवानगी आज 30 साल बाद भी लोगों के जहन में छाई हुई है। ये संगीतकार कोई और नहीं बल्कि अनु मलिक हैं। अनु मलिक आज अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं। अनु मलिक को संगीत विरासत में मिला है।
अनु मलिक के पिता सरदार मलिक भी बॉलीवुड के बेहतरीन म्यूजिक कंपोजर रहे हैं। हालांकि पिता सरदार मलिक को वो शोहरत नहीं मिली जिसके वे हकदार थे। लेकिन सरदार मलिक के बेटे अनु मलिक ने संगीत की दुनिया में ऐसा नाम कमाया कि शायद ही कोई उन्हें न जानता हो। अनु मलिक ने विरासत में मिली इस संगीत की कलाक को विरासत में ही आगे बढ़ाना चाहा। अनु मलिक के भाई डब्बू मलिक भी एक संगीतकार और सिंगर हैं। डब्बू मलिक ने बीआर चोपड़ा के सुपरहिट सीरियल महाभारत में भीष्म पितामह का युवा किरदार निभाया था।
12 साल गुमनामी में बनाते रहे गाने
अनु मलिक को 90 के दशक का सबसे बेहतरीन म्यूजिक कंपोजर कहा जाता है। बाजीगर फिल्म के म्यूजिक के लिए अनु मलिक को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर के फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया तो लोगों की नजर उन पर पड़ी। इस फिल्म के गानों ने धूम मचाई थी। लेकिन इससे पहले भी अनु मलिक करीब 12 साल तक फिल्मों में गाने कंपोज करते रहे, लेकिन शोहरत नहीं मिली। साल 1981 में आई फिल्म ‘आपस की बात’ से म्यूजिक कंपोजर का करियर शुरू हुआ और लगातार चलता रहा। हर साल करीब 2-3 फिल्मों में म्यूजिक बनाते और बॉलीवुड में अपनी जमीन तलाशने लगे। इस दौरान मंगल पांडे, दूध का कर्ज, आवारगी समेत 40 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। लेकिन बाजीगर ने उनकी किस्मत के सितारे पलट दिए और संगीत की दुनिया का बेताज बादशाह बना दिया। इसके बाद 1995 में भी अनु मलिक को उनकी फिल्म ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया। 2001 में स्पेशल फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 2005 में फिल्म ‘मैं हूं न’ के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर के फिल्म फेयर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अनु मलिक के पिता सरदार मलिक
विरासत में मिले संगीत से समृद्ध परिवार
अनु मलिक के पिता सरदार मलिक अपने समय के दिग्गज संगीतकार रहे हैं और 600 से ज्यादा फिल्मी गानों में अपनी धुन दी है। बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर गुरुदत्त के कभी रूममेट रहे सरदार मलिक ने 1947 में आई फिल्म रेणुका से अपने करियर की शुरुआत की थी। उनके गाने भी हिट रहे लेकिन 2 बड़े दिग्गज संगीतकारों के गुस्से के शिकार में आने से उनका करियर तबाह हो गया। लेकिन सरदार मलिक ने अपने संगीत की विरासत को आगे बढ़ाया और दोनों बेटों अनु मलिक और डब्बू मलिक को संगीतकार बनाया। अनु मलिक के भाई डब्बू मलिक ने भी 45 से ज्यादा फिल्मों के गाने कंपोज किए हैं। अब संगीत की ये विरासत तीसरी पीढ़ी के पास भी जा रही है। अनु मलिक के भतीजे और डब्बू मलिक के बेटे अरमान मलिक भी बॉलीवुड के एक हिट सिंगर हैं। अरमान मलिक की आवाज की दीवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोलती है और कई सुपरहिट गाने भी दे चुके हैं।