द हेगः इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद गाजा पर गाज गिराने वाले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गिरफ्तारी वारंट पर सुनवाई कर रही एक महिला जज ने खुद को बेंच से अलग कर लिया है। महिला ने इसके पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) की पीठासीन न्यायाधीश चिकित्सा के आधार पर इजराइल-हमास मामले की सुनवाई से पीछे हट गई हैं। वह उन तीन न्यायाधीशों की पीठ में से एक थीं जो इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके रक्षा मंत्री और वरिष्ठ हमास नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के अनुरोध पर विचार कर रहा है।
इसको लेकर न्यायालय ने शुक्रवार को अपना निर्णय प्रकाशित किया, जिसमें रोमानियाई न्यायाधीश यूलिया मोटोक के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया, जिसमें उन्होंने ‘‘चिकित्सा आधार पर और न्याय के उचित प्रशासन की सुरक्षा की आवश्यकता के आधार पर’’ मामले से हटने का अनुरोध किया था। अदालत ने फैसले की विस्तृत जानकारी नहीं दी और कहा गया कि ‘‘न्यायाधीश मोटोक की व्यक्तिगत चिकित्सा स्थिति गोपनीयता की हकदार है’’। मोटोक के स्थान पर स्लोवेनियाई न्यायाधी बेटी होहलर को पीठ में शामिल किया गया है। उन्हें पिछले साल आईसीसी के न्यायाधीश पद पर चुना गया था। इससे पहले वह न्यायालय के अभियोजन कार्यालय में ‘ट्रायल’ वकील के रूप में कार्य कर चुकी हैं।
नेतन्याहू के मामले की सुनवाई में होगी देरी
महिला जज के इस निर्णय से अदालत के मुख्य अभियोजक करीम खान के अनुरोध पर निर्णय में और देरी होने की संभावना है। इस साल मई में खान ने वारंट जारी करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि नेतन्याहू, इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और तीन हमास नेताओं याह्या सिनवार, मोहम्मद दीफ और इस्माइल हनीयेह के खिलाफ गाजा पट्टी और इजरायल में युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। नेतन्याहू ने अपने विरुद्ध अभियोजक के आरोपों को ‘‘अपमानजनक’’ तथा इजरायली सेना और समस्त इजरायल पर हमला बताया। वहीं इस मामले के अन्य आरोपी याह्या सिनवार, इस्माइल हनियेह और मोहम्मद दीफ इजरायली हमले में मारे जा चुके हैं। (एपी)
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