आगरा. आगरा में एक मरीज के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मामला भी हैरान कर देने वाला है. डॉक्टर की लापरवाही से मरीज कई दिनों तक मानसिक तनाव झेलना पड़ा .दरअसल आगरा में एक डॉक्टर ने मरीज की सामान्य खांसी को कैंसर बता दिया. 1 साल तक मरीज को कैंसर रोगी की तरह मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पीड़ा झेलनी पड़ी. मरीज के परिजन भी खतरनाक बीमारी की बात सुनकर दहशत में आ गए. परिजन पहले मरीज को मुंबई, फिर नोएडा के अस्पताल ले गए. दोनों जगहों पर रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद युवक ने FIR दर्ज कराया है. पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
अछनेरा के राजकुमार ने बताया कि 17 जनवरी 2023 को एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. टीपी सिंह को खांसी की शिकायत पर उनके घर पर दिखाया. उन्होंने कुछ जांच और दवा लिख दी. जांच के बाद वो दोबारा दिखाने गए तो उन्हें खून की उल्टी हो गई. डॉ. टीपी सिंह ने फेफड़ों की जांच के लिए डॉ. मुकेश शर्मा के पास भेजा. डॉ. मुकेश शर्मा ने अग्रवाल क्रिटिकल केयर सेंटर शांति मधुवन प्लाजा में उनकी जांच की.
8 लाख बताया ऑपरेशन का खर्च
रिपोर्ट देखने के बाद डॉ. मुकेश शर्मा ने फेफड़ों का कैंसर बताया. डॉ. मुकेश शर्मा ने कहा कि जल्दी इलाज नहीं कराया तो 3-4 दिन के मेहमान हो. कैंसर की बात सुनकर मैं घबरा गया. जब मैने किसी और डॉक्टर को दिखाने की बात ही, तो पुरुषोत्तम दास सावित्री देवी केन्सर एण्ड रिसर्च सेंटर हास्पिटल में भेज दिया गया. वहां पर डा. संदीप अग्रवाल द्वारा जांच के बाद कैंसर बताया गया. फिर डॉ. मुकेश शर्मा को दिखाया तो ऑपरेशन का खर्चा 8 लाख बताया.
23 फरवरी तक साफ हुई तस्वीर
पीड़ित राजकुमार ने बताया कि उसके पास इलाज के लिए इतने रुपए नहीं थे. ऐसे में उसने एम्स में रेफर करने को कहा. एम्स में अप्वाइंटमेंट न मिलने के कारण वो 13 फरवरी 2023 को टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल पहुंचा. वहां 10 दिन भर्ती रहा. जांच रिपोर्ट आने के बाद वहां के डॉक्टरों ने कहा कि उसे तो कैंसर नहीं है. इसके बाद राजकुमार को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला और जान में जान आई.
मेदाता हॉस्पिटल में भी हुआ इलाज
पीड़ित ने बताया कि टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल के डॉक्टर ने पुरानी रिपोर्ट देखकर कहा कि आगरा की जिस लैब में सैंपल दिए थे, वहां से सैंपल लेकर आना. आगरा में उन्होंने लैब पर संपर्क किया तो उन्होंने सैंपल न होने की बात कही. पीड़ित का कहना है कि उसके मन में शंका थी. ऐसे में वो नोएडा में मेदाता हॉस्पिटल पहुंचा. वहां डॉ. रंदीप गुलौरिया को दिखाया. उन्होंने जांच कराई. मगर, जांच में कैंसर नहीं निकला.
पीड़ित ने पुलिस से की शिकायत
पीड़ित का आरोप है कि आगरा के डॉ. टीपी सिंह, डॉ. मुकेश शर्मा, कैंसर विशेषज्ञ डॉ. संदीप अग्रवाल, क्लीनिकल पैथोलॉजी के डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ अनिल अग्रवाल द्वारा साजिश के तहत कैंसर की झूठी रिपोर्ट दी. उनसे 8 लाख रुपए इलाज के नाम पर ठगने को ये सब किया गया.
पीड़ित के दावों में कई पेंच
पीड़ित के अनुसार मुंबई और मेदांता में इलाज के बाद ये साफ हो गया की उसे कैंसर जैसी कोई बीमारी नहीं है. पीड़ित का मुंबई में इलाज 13 फरवरी से 23 फरवरी के बीच हुआ. उसके कुछ दिन बाद नोएडा के मेदांता में भी जांच हुई. यानि यह पूरा मामला मार्च तक चला. दूसरी बात पीड़ित ने आर्थिक स्थिति का हवाला दिया था जबकि सभी जानते हैं कि नोएडा के मेदांता में इलाज काफी महंगा है. फरवरी-मार्च की घटना पर करीब 8 महीने बाद एफआईआर करना इस बात के संकेत दे रहे है कि मामला उतना भी सीधा नहीं है जितना दिख रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 20:44 IST