नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) में अभी भी सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. डब्ल्यूएफआई ने विश्व चैंपियनशिप से भारतीय टीम को हटा लिया. यही नहीं उसने विश्व संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू को सूचित किया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है. सीनियर विश्व चैम्पियनशिप 12 गैर ओलंपिक वर्गों में 28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में आयोजित होगी. डब्ल्यूएफआई ने हाल में अंडर 23 और विश्व चैंपियनशिप के लिए चयन ट्रायल की घोषणा की थी और प्रदर्शनकारी पहलवानों ने चयन ट्रायल की वैधता पर सवाल उठाते हुए अदालत की अवमानना के तौर पर चुनौती दी थी.
डब्ल्यूएफआई (WFI) ने चयन ट्रायल नोटिस वापस ले लिया. और अदालत ने चार अक्टूबर को अवमानना याचिका पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया. डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने हाल में अदालत का दरवाजा खटखटाया. और उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया जाना चाहि. अब हम विश्व चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम नहीं भेज पायेंगे. हमने यूडब्ल्यूडब्ल्यू को यह बता दिया है.’
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सूत्र ने कहा, ‘यह सब मंत्रालय के निलंबन के कारण हो रहा है. निलंबन बनाये रखने का कोई आधार नहीं है. अगर मंत्रालय निलंबन हटा देता है तो ये सभी मुद्दे नहीं होंगे. यह बहुत दुखद है कि कुछ पहलवानों की वजह से अन्य पहलवानों को परेशानी उठानी पड़ रही है और मंत्रालय निलंबन नहीं हटा रहा है.’ खेल मंत्रालय ने नये अधिकारियों के चुनाव के लिए मतदान के तुरंत बाद 24 दिसंबर को डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था.
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अध्यक्ष नेनाद लालोविच को पत्र में लिखा, ‘दुर्भाग्य से खेल मंत्रालय का डब्ल्यूएफआई की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करना जारी है. खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर 2023 को डब्ल्यूएफआई के दैनिक प्रशासन का काम बंद करने और रोकने का आदेश दिया और भारतीय ओलंपिक संघ (भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) को डब्ल्यूएफआई के संचालन के लिए तदर्थ समिति बनाने का निर्देश दिया.’ आईओए ने फरवरी में यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा डब्ल्यूएफआई पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद इस साल मार्च में महासंघ का प्रबंधन करने वाले तदर्थ पैनल को भंग कर दिया था.
डब्ल्यूएफआई ने पीटी उषा की अगुआई वाले आईओए का समर्थन मिलने की भी जानकारी दी. इसमें कहा गया, ‘आईओए ने अपनी अध्यक्ष पीटी उषा के माध्यम से इस मामले में डब्ल्यूएफआई का समर्थन किया था, लेकिन समस्या का कारण खेल मंत्रालय है क्योंकि उनके 24 दिसंबर 2023 के पत्र का उपयोग पहलवानों द्वारा डब्ल्यूएफआई के प्रशासन में हस्तक्षेप करने के लिए किया जा रहा है.’ डब्ल्यूएफआई ने काम करना शुरू कर दिया लेकिन पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत ने खेल संस्था के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने के लिए अदालत में याचिका दायर की.
अदालत ने अंतरिम आदेश में कहा कि तदर्थ समिति को भंग करने का आईओए का फैसला खेल मंत्रालय के निलंबन आदेश के साथ असंगत था. इसने कहा कि जब तक निलंबन आदेश वापस नहीं लिया जाता तब तक तदर्थ समिति के लिए महासंघ के मामलों को देखना जरूरी था. हालांकि आईओए ने अदालत को बताया कि वह फिर से पैनल का गठन नहीं कर सकता.
डब्ल्यूएफआई ने अब यूडब्ल्यूडब्ल्यू से यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियमावली के अनुच्छेद 6.3 को लागू करने और उचित कार्रवाई करने तथा बृहस्पतिवार की सूचना को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के समक्ष शिकायत के रूप में उपयोग करने के लिए कहा है. यूडब्ल्यूडब्ल्यू संविधान के अनुच्छेद 6.3 में कहा गया है, ‘मान्यता प्राप्त और संबद्ध सदस्य अपनी गतिविधियों को स्वतंत्र रूप से संचालित और प्रशासित करेंगे. वे किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक दबाव के प्रभाव के बिना अपनी स्वायत्तता को बनाए रखेंगे.’ इसके अनुसार, ‘सरकारें और अन्य सार्वजनिक प्राधिकरण केवल राष्ट्रीय महासंघों द्वारा उनके वित्तीय अनुदानों के उपयोग को सत्यापित करने के हकदार होंगे.’ ओलंपिक वर्ष में विश्व चैंपियनशिप पुरुष फ्रीस्टाइल, महिला और ग्रीको रोमन में सभी 10 के बजाय चार वर्गों में आयोजित की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 19:42 IST