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घोरावल। जनपद के प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल बियार का 75वा परिनिर्वाण दिवस बुधवार की देर शाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल बियार की जन्मस्थली स्मारक प्रांगण कुसुम्हां में मनाया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथिगणो द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल बियार के स्मारक व तस्वीर पर माल्यार्पण, पुष्प अर्पित किया गया।श्रद्धांजलि समारोह के मुख्य अतिथि सांसद छोटेलाल खरवार ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल बियार ने स्वतंत्रता आंदोलन मे अपना तन मन धन न्योछावर कर दिया।अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने के जुर्म में उन्हें जेल, जुर्बाने की सजा हुई थी जेल से छूटने के बाद वह स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिजन एवं इतिहासकार दीपक कुमार केसरवानी ने कहा कि सोनभद्र में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत सन 1921 से ही हो गई थी।महात्मा गांधी के आवाहन पर घोरावल क्षेत्र के कसुम्हा गांव के देशभक्त सेनानी मंगल बियार ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया था।आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष मे वाराणसी दूरदर्शन केंद्र द्वारा मंगल बियार के जीवनवृत्त पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भी निर्माण कराया जा चुका है, जो स्वतंत्रता आंदोलन के दीवानों की कहानी कहता है।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि घोरावल विधानसभा के सदस्य सुरेंद्र मौर्य ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन सत्ता ने देशभक्त, सेनानियों की सुधी ले रही है। मंगल बियार के नाम पर एक गेट का भी निर्माण कुसुम्हा जाने वाले मार्ग पर कराया जाएगा।कार्यक्रम के संयोजक सेनानी मंगल बियार के पौत्र मोहन लाल बियार ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों, क्षेत्रीय जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेनानी मंगल बियार ने स्वतंत्रता आंदोलन में घोरावल क्षेत्र में स्वतंत्रता की अलख जगाया था और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़कर भारत माता को आजाद करने में योगदान दिया था, स्वतंत्रता के बाद एक जनप्रतिनिधि के रूप में उन्होंने ग्रामीण जनों की सेवा किया, इनकी सेवाएं आज भी ग्रामीणों की जुबान पर हैं। श्रद्धांजलि समारोह मे समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव, सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र, ओम प्रकाश गोड़, लोक गीत गायिका सरोज अनुरागी, गायक महेश कुमार, राम ललित आदिवासी ने अपना अपना विचार व्यक्त किया और कवियों ने गीतों के माध्यम से भी जीवन वृतांत पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर ग्राम प्रधान कुसुम सिंह, उमेश कुमार बियार, देवेंद्र प्रताप सिंह, अनुज त्रिपाठी, तेज राम गंगवार आदि लोग रहे।