भारत की पूर्व महिला पहलवान साक्षी मलिक ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया पर आरोप लगाया था कि उनकी वजह से ही बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनका प्रोटेस्ट कमजोर पड़ा था। विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने नेशनल ट्रायल्स में छूट को स्वीकार करके आंदोलन को स्वार्थी बना दिया था। साक्षी के इस बयान पर अब एक प्रतिक्रिया बजरंग पुनिया की ओर से देखने को मिली है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन अपने करियर, मेडल और राजनीति का जिक्र किया, क्योंकि वह भी अब कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं।
बजरंग पुनिया ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “मेरे जीवन में सब सही चल रहा था। खेल में पदक जीत रहा था। सरकार से इनाम पा रहा था। मंत्री-संतरियों से खूब शाबाशी मिल रही थी। फिर मेरे घर पर कुछ जूनियर महिला पहलवान आयीं। औपचारिक राम-रामी के बाद सबकी आंखों में आँसू थे। उनकी बात सुनी तो फिर जीवन का ऐसा सफ़र शुरू हुआ, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था। उनके संघर्ष में शामिल होने से खेल गया, करियर गया और मंत्री-संतरियों की राम-रामी भी, लेकिन एक चीज की संतुष्टि है कि अब महिला खिलाड़ियों ने अपना मैदान जीत लिया है। यह जीत मेरे ओलंपिक मेडल से भी बड़ी जीत है।”
ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले पुनिया ने आगे लिखा, “सरकार ने जो इनाम दिया था, वह मैं प्रधानमंत्री आवास के सामने रख आया था। इस जीवन में अग्निवीर आंदोलन और किसान आंदोलन ने भी बहुत कुछ बदला है। इन दोनों आंदोलनों ने याद दिलवाया है कि ओलंपिक मेडल जीतने से पहले मेरी ज़िंदगी क्या थी। मेडल से मेरा जीवन तो बदला होगा, पर मेरे लोगों का नहीं। मेडल की तरफ देखता हूं तो बचपन का सपना याद आता है और अब आगे के सफ़र की और देखता हूँ तो बचपन की हक़ीक़त याद आती है। इन्हीं उलझनों के बीच जो कुछ होता है उसी को जीवन कहते हैं।”