मुजफ्फरपुर सेना भर्ती बोर्ड के अधीन आठ जिलों से 722 युवक अग्निवीर के लिए अंतिम रूप से चयनित हो चुके है। इनमें 70 सी सर्टिफिकेट वाले एनसीसी कैडेट भी है। यह कैडेट मुजफ्फरपुर के अलावा मोतिहारी, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर के है। अग्निवीर में चयनित इन कैडेटों का मनोबल ऊंचा है। इन्हें देश की सरहदों की निगेहबानी का भी जिम्मा इन्हें आने वाले दिनों में मिलने वाला है।
एनसीसी के एक अधिकारी ने बताया कि अग्निवीर के लिए चयनित कैडेट बहुत ही साधारण परिवार के हैं। उन्होंने बताया कि मीनापुरा, कटरा, बोचहां और कुढ़नी के दो दर्जन कैडेटों के पिता किसान है। उनलोगों ने अपनी पढ़ाई के साथ एनसीसी का ए, बी और फिर ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि पारू और सकरा के दो कैडेट तो पढ़ाई व एनसीसी कोर्स के साथ अपने पिता की किराना दुकान भी चलाते थे। किराना दुकान चलाते हुए अग्निवीर में भर्ती होने के लिए भी तैयारी की थी।
ग्रामीण परिवेश के छात्र अधिक जुड़ते हैं एनसीसी से
सैन्य अधिकारी ने बताया कि 100 से अधिक ‘सी’ सर्टिफिकेट पास एनसीसी कैडेट सेना बहाली में शामिल हुए थे। इनमें से 70 का अंतिम रूप से चयन हुआ। उन्होंने बताया कि एनसीसी सर्टिफिकेट वालों को सेना बोनस अंक देती है। बताया कि एनसीसी से ग्रामीण परिवेश के बच्चे अधिक जुड़ते हैं। शहरी क्षेत्र के युवक अग्निवीर के बदले एनडीए व सीडीएस को अधिक महत्व देते हैं।
कैडेटों ने कहा, कठिन मेहनत से हासिल किया मुकाम
सकरा के कैडेट ने बताया कि उसके पिता किराना दुकान चलाते हैं। वह भी खाली समय में हाथ बंटाता है। उसी दुकान से घर खर्च चलता है। हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है। वह एनसीसी कोर्स कर रहा था। बीच में कोर्स छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन, एक सैन्यधिकारी ने उसे ‘सी’ सर्टिफिकेट पूरा कर अग्निवीर बनने की प्रेरणा दी। इसके बाद उसने कड़ी मेहनत की। अंग्रेजी के साथ अन्य विषयों पर कमांड किया। शारीरिक दक्षता के लिए भी खुद को तैयार किया। वहीं, मीनापुर, कटरा, बोचहां और कुढ़नी के कैडेटों के पिता किसान हैं। शहर में किराये पर कमरे लेकर पढ़ाई की। ये सभी कैडेट मुजफ्फरपुर बटालियन के हैं।