बहराइच दंगों को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार किया। केशव ने कहा कि सांप्रदायिक दंगों पर बोलने का अखिलेश को कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
बहराइच दंगों को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार किया। केशव ने कहा कि सांप्रदायिक दंगों पर बोलने का अखिलेश को कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इससे पहले मैनपुरी में अखिलेश यादव ने बहराइच हिंसा को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला और कहा कि चुनावी लाभ लेने के लिए वहां दंगा कराया गया है।
अखिलेश के इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव के पास बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। जिनके शासनकाल में उत्तर प्रदेश में एक भी दिन दंगा मुक्त नहीं रहा है, दंगे के मामले में वह बोले तो शोभा नहीं देता है। बहराइच हो या प्रदेश में कहीं भी हो कोई अराजकता करेगा कोई कानून व्यवस्था के साथ के साथ खिलवाड़ करेगा कोई किसी व्यक्ति पर हमला करेगा हत्या करेगा तो सरकार कानून के हिसाब से कार्रवाई के लिए एकदम तत्पर है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है क्योंकि जब अपराधियों के खिलाफ, माफिया के खिलाफ दंगाईयों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो श्री यादव विचलित हो जाते हैं क्योंकि जिस दिन गुंडे अपराधी माफिया दंगाई सपा का साथ छोड़ देंगे उसे दिन सपा समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी।
मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव के बारे में बार-बार कर चुका हूं गुंडे, अपराधी, माफिया, भू माफिया शराब माफिया, नकल माफिया, भर्ती माफिया जितने भी हैं उनके सरगना है सरदार हैं और वह भारतीय जनता पार्टी के बारे में जब कुछ बोलते हैं तब लगता है कि उनको अपना इतिहास अपना शासनकाल याद नहीं आता है। अपने दल का आचरण याद नहीं आता है, जहां अपराध होता है जहां अपराधी पकड़े जाते हैं उसके पीछे कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी के किसी नेता का हाथ होता है।
सपा महासचिव प्रो रामगोपाल यादव के उपचुनाव को लेकर दिए गए बयान का जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से उनके दावे देखिये। 2014 में जो दावा किया, सपा सफल का नहीं हुई। 2017 में जो दावा किया सत्ता में थे, विफल हो गए 2019 में सपा बसपा गठबंधन में फेल हो गए। 2022 में कहे 400 सीट जीतेंगे चारों खाने चित हो गए। 2024 में उन लोगों ने जनता को गुमराह किया, ना संविधान को खतरा, न आरक्षण को खतरा न गरीब को खतरा न पिछड़ों न दलितों को न गरीबों को कोई खतरा। सबका सम्मान सबको अधिकार मिल रहा है। यह बेचैनी इन लोगों की बढ़ती जा रही है क्योंकि हरियाणा में कमल खिलने के बाद उनके झूठ की पोल खुल गई।