उत्तर प्रदेश विधानसभा की खाली दस सीटों में नौ सीटों पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 13 नवंबर को मतदान का ऐलान किया है। इन सीटों पर 18 अक्टूबर यानी कल से नामांकन का काम शुरू हो जाएगा। लेकिन केंद्र और राज्य में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने गुरुवार को चुनाव आयोग से हिन्दू पर्वों का हवाला देते हुए मतदान की तारीख 13 नवंबर के बदले 20 नवंबर करने की मांग की है। विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पहले ही उपचुनाव में देरी के लिए आयोग को कोस रहे थे। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार चला रही भाजपा और उसमें शामिल रालोद के वोटिंग की डेट एक सप्ताह आगे बढ़ाने की मांग से चुनाव आगे खिसकने का सवाल पैदा हो गया है। 20 नवंबर को महाराष्ट्र में मतदान है और सबके नतीजे 23 नवंबर को आने वाले हैं।
भाजपा और रालोद ने चुनाव आयोग से कहा है कि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है जिसके लिए लोग बड़ी संख्या में गंगा स्नान के लिए कई दिन पहले ही मेला में चले जाते हैं। ऐसे में काफी वोटर 13 नवंबर को अपनी सीट पर मतदान के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। दोनों दलों ने कहा है कि चुनाव आयोग भी तो यही चाहता है कि सौ फीसदी मतदान हो, इसलिए ज्यादा से ज्यादा मतदान सुनिश्चित करने के लिए वोटिंग की तारीख बढ़ाकर 20 नवंबर कर दी जाए।
यूपी विधानसभा की मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, फूलपुर, कटेहरी और मंझवा सीट पर तत्कालीन विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफे के कारण उपचुनाव हो रहा है। जबकि सीसामऊ के विधायक रहे इरफान सोलंकी को सजा के बाद अयोग्य करार देने से सीट खाली हुई थी। मिल्कीपुर सीट पर एक चुनाव याचिका लंबित होने कारण चुनाव नहीं कराया जा रहा है। इन दस सीटों में पांच सीट करहल, सीसामऊ, कटेहरी, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थी। गाजियाबाद, फूलपुर, खैर और मंझवा पर बीजेपी का कब्जा था। मीरापुर में रालोद के विधायक थे।