दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन चर्चित छात्र नेताओं को निष्कासित कर दिया है। विश्वविद्यालय में उनके प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। कैंट थाने में इन छात्रों के खिलाफ नियंता प्रो गोपाल प्रसाद ने तहरीर दी है। निष्कासित छात्रों पर बीते 15 अक्तूबर को प्रति कुलपति प्रो शांतनु रस्तोगी को दो घंटे तक बंधक बनाए रखने, गाली-गलौज, अभद्रता, सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाए जाने आदि के गंभीर आरोप हैं।
डीडीयू के मुख्य नियंता प्रो. गोपाल प्रसाद ने निष्कासन आदेश में कहा है कि कुलपति के आदेश के क्रम में विश्वविद्यालय के अनुशासन को लेकर बनाए गए नियमों के तहत यह कार्रवाई की गई है। एमजेएमसी के छात्र सतीश प्रजापति पुत्र दीपनारायण प्रजापति, निवासी गुलरिहा बाजार, थाना गुलरिहा, बीए तृतीय वर्ष के प्रतीक तिवारी पुत्र कालधर तिवारी, निवासी गौराखास, थाना गोला, एलएलबी छात्र सत्यम गोस्वामी पुत्र धर्मदेव गोस्वामी, निवासी उरूवा बाजार चचाईराम, थाना उरूवा को विश्वविद्यालय के अध्यादेश अनुशासन की धारा (पेज 9) 1, 2, 3 में किए गए प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है। इसके तहत विश्वविद्यालय से निष्कासित कर इनका परिसर एवं छात्रावासों में प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इन्हीं छात्रों ने बीते दिनों छात्र संघ बहाली के लिए भूख हड़ताल की थी। छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर कुलसचिव कार्यालय में 15 अक्तूबर को दो घंटे तक घेराव किया था।
कैंट थाने में दी गई तहरीर
इन तीनों छात्रों को नामजद करते हुए कैंट थाने में भी तहरीर दी गई है। इसमें पिछली कई घटनाओं में भी इनके शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इन छात्रों पर विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने का भी आरोप है। शिकायत में कहा गया है कि डीडीयू में इस समय आंतरिक परीक्षाएं चल रही हैं। कुछ दिनों बाद सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होनी हैं। इन छात्रों को पहले कई बार नोटिस और चेतावनी दी गई थी। इन्होंने भविष्य में ऐसा न करने का शपथ पत्र भी दिया था, जिसका इन्होनें कई बार उलंघन किया है। विगत माह में इनके विरूद्ध थाना कैण्ट में कई बार प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है लेकिन इनके आचारण एवं व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ। इनके खिलाफ कठोरतम विधिक कार्रवाई की मांग की गई है।