बहराइच हिंसा में राम गोपाल हत्याकांड मामले में यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी सरफराज और तालिब को एनकाउंटर में गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस कार्रवाई में दोनों के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने दोनों को पहले नानपारा सीएचसी ले गई यहां से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसमें से सरफराज की हालत गंभीर बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को नानपारा कोतवाली के नानपारा बाईपास हाड़ा बसेहरी के पास बहराइच हिंसा मामले में दो आरोपी सरफराज और तालिब के साथ पुलिस और एसटीएफ की मुठभेड़ हुई। पुलिस को देखते ही दोनों आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब कार्रवाई में पुलिस और एसटीएफ ने भी गोलीबारी शुरू की। इस दौरान पुलिस ने दोनों के पैर में गोली मारी। गोली लगते ही दोनों जमीन पर गिरकर घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। घायल अवस्था में दोनों आरोपियों को पहले नानपारा सीएचसी के बाद जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। अस्पताल में आरोपियों को भर्ती कराने के बाद यहां भारी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सीएचसी और जिला अस्पताल में किसी का भी प्रवेश नहीं होने दिया जा रहा है।
बुधवार को एक आरोपी हुआ था गिरफ्तार
महराजगंज बवाल में सीओ रवि खोखर व नवनियुक्त थानाध्यक्ष हरदी कमल शंकर चतुर्वेदी को बुधवार शाम ठोस जानकारी मिली। उन्होंने टीम के साथ राजी चौराहे पर दबिश दी। पुलिस ने नामजद महाराजगंज बाजार निवासी मोहम्मद दानिश उर्फ राजा उर्फ साहिर को धर दबोचा। वह नेपाल भागने की फिराक में था। तभी उसे पुलिस टीम ने पकड़ लिया। गोलीकांड का मुख्य आरोपी सरफराज और तालिब फरार चल रहा था, जिसे गुरुवार को पुलिस ने एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया। सीओ रवि खोखर ने बताया कि न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।
एटीएस के लिए चुनौती बन गई थी सरफराज की गिरफ्तारी
बहराइच के महाराजगंज क्षेत्र में 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान कहासुनी के बाद छत पर चढ़े रामगोपाल को गोली मार दी गई थी। इस हत्याकांड में सरफराज उर्फ रिंकू, फहीम व हमीद को आरोपी बनाया गया था। घटना के बाद से ही सभी फरार हो गए थे। जिला अस्पताल में रामगोपाल के दम तोड़ने के बाद रिश्तेदारों की मदद से सभी के रुपईडीहा बॉर्डर से नेपाल भागने की बात सामने आई थी। पुलिस सूत्रों का कहना था कि हमीद का बड़ा बेटा नेपाल में ही परिवार संग रह रहा है। घटना को अंजाम देने के बाद 14 अक्टूबर को सभी वहीं पहुंचे थे, लेकिन एटीएस के पीछे लगे होने की खबर पर वहां से भी वे सभी फरार हो गए हैं। ऐसे में एटीएस और आईबी की टीम नेपाली पुलिस के साथ उनकी तलाश कर रही थी।
सरफराज और पुलिस के गठजोड़ की भी हो रही जांच
बताया जा रहा है कि सराफा का काम होने की वजह से हमीद और सरफराज़ का पुलिस से गठजोड़ मजबूत रहा है। यह तथ्य भी जांच में सामने आ रहा है.। हत्या के बाद जिस तरह से हमीद व सरफराज घर से निकल भागने में सफल रहे उस पर शंका जाहिर की जा रही है।