सोनभद्र, संवाददाता। राजकीय उद्यान परिसर लोढी में बुधवार को जनपद स्तरीय एक दिवसीय किसान
सोनभद्र, संवाददाता। राजकीय उद्यान परिसर लोढी में बुधवार को जनपद स्तरीय एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख अजीत रावत व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सहदेव मिश्र ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान किसानों की तरफ से प्रदर्शनी लगाई गई थी।
उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने बताया कि कृषक फसल अवशेष जलाने के दुष्परिणामों को जानते हुए भी फसल अवशेष को जला देते हैं, जिसकी रोकथाम करना पर्यावरण सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है। खरीफ मौसम में धान की फसल तैयार हो रही है। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के उपरांत फसल अवशेष को अपने खेतों में कदापि न जलाएं। फसल अवशेष को विभिन्न कृषि यंत्रों, उपकरणों की सहायता से फसल अवशेष को मृदा में मिला दे। फसल अवशेष मृदा में सड़कर जैविक खाद के रूप में प्राप्त होता है, जिससे मृदा में जीवाश कार्बन की मात्रा में वृद्धि होने से फसल उत्पादन में बढोत्तरी होगी। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. अविनाश राम ने पराली प्रबंधन तकनीकियों एवं उसके लाभ तथा मृदा स्वास्थ्य के बारे विस्तृत जानकारी दी गयी। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एमपी सिंह ने रबी फसलों के उत्पादन तकनीकी जैसे बुवाई, सिंचाई एवं कृषि निवेश के बारे में चर्चा की। डा. शिशिर कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बीज एवं भूमि शोधन से होने वाले लाभ एवं पराली प्रबंधन के लिए बायोडिकम्पोजर के उपयोग एवं होने वाले लाभ, डा. रश्मी, कृषि वैज्ञानिक ने श्रीअन्न फसलों के उत्पादन एवं पोषक तत्वों से होने वाले स्वास्थ संबंधी लाभ, डा. टीडी मिश्रा ने बागवानी एवं सब्जियों के उत्पादन में प्रयोग किये जाने वाले कीटनाशकों के स्वास्थ्य एवं मृदा पर होने वाले दुष्प्रभाव के प्रति जागजरूक किया। जिला कृषि अधिकारी डा.हरि कृष्ण मिश्र ने बीज चयन, सिंचाई का समय एवं उर्वरकों के संतुलित उपयोग के साथ पराली प्रबंधन तकनीकी के बारे में जानकारी दी। प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन फॉर इन सीटू मैनेजेमेन्ट ऑफ काप रेजीड्यू योजना के अंतर्गत जनपद स्तरीय एक दिवसीय कृषक जागरूकता मेला में किसानों को तिलहनी फसलों का मिनीकिट का वितरण किया गया।