सोनभद्र, संवाददाता। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है।
सोनभद्र, संवाददाता। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है। जिला अस्पताल के एलटू में बनाए गए वार्ड में डेंगू के दो मरीजों को भर्ती किया गया है। जिनका उपचार करीब पांच दिनों से चल रहा है। एक को प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षा के दौरान व दूसरे को दिल्ली से आने के बाद जिला अस्पताल में जांच के बाद डेंगू पाजिटीव पाया गया। चिकित्सकों को संदिग्ध मरीजों को दवा लेने के साथ ही उसकी जांच कराने का निर्देश दिया गया है। जिले में अब तक कुल 20 डेंगू के पाजिटीव मरीज मिल चुके हैं।
जिले के विभिन्न इलाकों में वायरल बुखार, सर्दी-जुखाम के बीच डेंगू का मरीज मिलने के बाद विभाग भी अलर्ट हो गया है। जिससे की डेंगू मिलने के बाद मरीजों की जांच की जा सके। जिला अस्पताल में दस अक्टूबर को भर्ती करमा ब्लाक के गनेशपुर गांव निवासी सूरज पुत्र विंदेश्वरी कुछ दिनों पूर्व किसी काम के चलते दिल्ली गया हुआ था। घर आने के कुछ दिनों बाद उसको बुखार आने लगा। जिसके बाद परिजनों ने उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भरकवाह में डेंगू की कीट से जांच कराई जहां पर वह पाजिटिव मिला। इसके बाद परिजनों ने उसे 10 अक्टूबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। रविवार को जिला अस्पताल में कराई गई जांच में भी सूरज को डेंगू निकला है। सोमवार को फिर से उसकी जांच कराई गई। जिसमें मरीज ने बताया कि चिकित्सकों ने डेंगू होने की बात कही। मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार किया जा रहा है। इसी तरह से करमा ब्लाक के ही सिरसिया ठकुराई ग्राम पंचायत के रमपथरा गांव निवासी राहुल शर्मा प्रयागराज में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा था। बुखार आने के बाद प्रयागराज में ही मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में जांच कराया जहां पर उसकी रिपोर्ट डेंगू पाजिटीव पाई गई। इसके बाद वह घर आ गया। कमजोरी व प्लेटलेट गिरने पर परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए। जहां उसको डेंगू वार्ड में भर्ती कराया गया। हालांकि करीब छह दिनों से भर्ती मरीज का जिला अस्पताल में जांच कराने के बाद रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन युवक को काफी कमजोरी महसूस हो रही थी। जहां पर उसको मच्छरदानी के अंदर बेड पर रखकर उपचार किया जा रहा है। जिले में तापमान में भारी उतार-चढ़ाव के कारण क्षेत्र में सर्दी-खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त आदि संक्रामक बीमारियों का प्रकोप चरम पर है। स्थिति इतनी खराब है कि प्रत्येक घर का कोई न कोई सदस्य इस समय मौसमी बीमारियों से ग्रसित है। जिला अस्पताल के साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर काफी संख्या में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है।
डेंगू निकलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मरीजों व उनके आसपास के लोगों की जांच नहीं की गई। जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया कि उनके परिजनों की जांच नहीं की गई है। जबकि नियम यह है कि अगर कोई डेंगू पीड़ित मिलता है तो उसके परिजन के साथ ही आसपास के लोगों की भी जांच कराई जाती है।
जिले में पिछले माह संचारी माह अभियान चलाया गया था, जो सिर्फ कागजों पर ही चलता दिखाई दिया। कुछ गांवों को छोड़कर साफ-सफाई नहीं कराई गई है। जिसके चलते गांवों में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। दवाओं का भी छिड़काव नहीं किया गया।
जिले में संक्रमण बीमारियों के साथ डेंगू के दस्तक देने से स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। जिला अस्पताल में अलग से डेंगू वार्ड बनाया गया हैं। जहां पर 10 बेड डेंगू के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा पांच सीएचसी पर छह-छह बेड की आरिक्षत किए गए हैं।
डेंगू मरीजों को लेकर जिला अस्पताल में दस व पांच सीएचसी पर छह-छह बेड आरक्षित किए गए हैं। संदिग्ध व्यक्ति देखने पर उसकी डेंगू की जांच कराए जाने का निर्देश चिकित्सकों को दिया गया है।
– डा.अश्वनी कुमार, सीएमओ।