यूपी के कानपुर जिले के बिल्हौर-मकनपुर रोड पर गुरुवार को एक लेखपाल को 10 हजार रुपये घूस लेते हुए विजिलेंस टीम ने दौड़ाकर दबोच लिया। इसके बाद घसीटते हुए थाने ले गई और लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इससे पहले लेखपाल सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप में सस्पेंड भी रह चुका है। वहीं, एसडीएम बिल्हौर ने लेखपाल की करतूतों की जानकारी डीएम को देकर उसके निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी है। विजिलेंस टीम की इस कार्रवाई से तहसील में हड़कंप मचा रहा।
मृतक आश्रित कोटे से विपिन दिवाकर को लेखपाल की नौकरी मिली है। इस समय वह बिल्हौर तहसील में तैनात है। पूर्व में उसकी तैनाती पूरा गांव क्षेत्र में थी। सरकारी जमीन पर कब्जा कराने और लेनदेन की शिकायतों पर एसडीएम ने उसको सस्पेंड कर दिया था। बहाली के बाद उसे रौगांव क्षेत्र दिया गया। गुरुवार को वह बिल्हौर देहात क्षेत्र के अपने लेखपाल साथी सुनील चौधरी के साथ कार से रौगांव में एक जमीन की नाप करने गया था। रौगांव के मजरा मढ़िया गांव के विकास कुमार के पिता की मृत्यु के बाद उसकी वरासत दर्ज करने के एवज में विपिन ने 10 हजार बतौर घूस की मांग की थी। पीड़ित ने सतर्कता अधिष्ठान कानपुर थाने जाकर लेखपाल की शिकायत दर्ज कराई थी।
50 मीटर दौड़ाकर रंगे हाथ पकड़ाः रौगांव से लेखपाल विपिन दिवाकर साथी सुनील चौधरी के साथ वापस आ रहा था। रास्ते में बिल्हौर-मकनपुर रोड पर विपिन कार से उतर गया और पीड़ित से 10 हजार रुपये लिए। वहां विजिलेंस टीम को देखकर विपिन वहां से भागा। इस पर टीम ने करीब 50 मीटर दौड़ाकर उसे दबोच लिया और घसीटते हुए थाने ले गई। साथ ही टीम के लोगों ने उसके साथी सुनील चौधरी से कार के कागज लेकर पूछताछ के लिए थाने बुलाया है। बिल्हौर एसडीएम रश्मि लांबा ने बताया, लेखपाल विपिन दिवाकर को कानपुर से आई विजिलेंस टीम ने घूस लेते पकड़ा है, इसकी जानकारी डीएम को देकर निलंबन की कार्रवाई की जा रही है।