योगी सरकार युवा सपनों को नई उड़ान देने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी देने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसे लेकर एमएसएमई विभाग तथा प्रदेश में कार्यरत 25 प्रमुख बैंकों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
योगी सरकार युवा सपनों को नई उड़ान देने के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ को प्रदेश में रोलआउट करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश के शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ बड़ी भूमिका निभा सकता है और इसलिए यह सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है।
बुधवार को लखनऊ के रेनेसां होटल में प्रमुख सचिव आलोक कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में एमएसएमई विभाग तथा प्रदेश में कार्यरत 25 प्रमुख बैंकों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। स्टेट लेवल बैंकिंग कमेटी के मेंबर्स को इस योजना के बारे में जानकारी दी और प्रक्रिया से जुड़ी हुई कार्ययोजना को लेकर विस्तृत मंथन हुआ। इसमें, समन्वय समिति की स्थापना समेत प्रक्रिया से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने की रूपरेखा तय की गई। उल्लेखनीय है कि इस बैठक के उपरांत अब जल्द ही इन प्रमुख बैंकों के चेयरमैन की सीएम योगी के साथ भी बैठक हो सकती है।
बैठक में अभियान के अंतर्गत पात्रता मापदंडों के अतिरिक्त ऋण देने की ब्याज दर, सब्सिडी तथा योजना के प्रचार-प्रसार को लेकर भी गहन चर्चा की गई और समन्वय समिति की स्थापना समेत प्रक्रिया से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने की रूपरेखा तय की गई।
प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर हुई गहन चर्चा
बैठक में 25 से अधिक बैंकरों ने भाग लिया और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के बारे में प्रमुख तथ्य और कार्रवाई योग्य बिंदुओं की जानकारी प्राप्त की। बैठक में पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश के उद्योग आयुक्त एवं निदेशक के. विजयेंद्र पांडियन ने बैठक को संबोधित किया और सीएनडीआई द्वारा प्रेजेंटेशन भी दिया गया। यूपीएसआईसी के एमडी राजकमल यादव ने भी बैठक को संबोधित किया और पात्रता मानदंडों समेत विभिन्न पहलुओं पर मंथन किया। एमएसएमई विभाग के सचिव प्रांजल यादव व अन्य अधिकारीगण भी बैठक में उपस्थित रहे।
अभियान के जरिए बड़े स्तर पर रोजगार सृजन का लक्ष्य है निर्धारित
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत बैंक ऋण के माध्यम से सालाना 1,00,000 व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित है जिससे हर साल 1 लाख सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना का एक विस्तृत मैकेनिज्म प्रदेश में तैयार होगा। इस पहल का उद्देश्य अगले दशक में 10 लाख लोगों को सीधे लाभ पहुंचाना है, जो बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इन मुख्य बिंदुओं पर तय की गई रूपरेखा
उत्तर प्रदेश के निवासी जिनकी आयु 21 से 40 वर्ष है और न्यूनतम आठवीं कक्षा या समकक्ष शैक्षणिक योग्यता है, वे इस अभियान में आवेदन करने के पात्र होंगे।
सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को इसमें वरीयता दी जाएगी।
ऑनलाइन आवेदनों की जांच के बाद इसे बैंकों को भेजा जाएगा जहां वित्तीय सहायता निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होगी।
वित्तीय सहायता के अंतर्गत पहले चरण में स्वयं के अंशदान आवश्यकताओं के साथ 5.00 लाख रुपये तक के ऋण और 4 वर्षों के लिए 100% ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
वित्तीय सहायता के दूसरे चरण में 3 वर्षों के लिए 50% ब्याज अनुदान और अतिरिक्त डिजिटल लेनदेन सब्सिडी के साथ 10.00 लाख रुपये से 20.00 लाख रुपये के बीच ऋण वितरित किया जाएगा।
अभियान को समर्पित प्रबंधन इकाइयों और समितियों के साथ जिला, राज्य और उच्च स्तर पर संरचित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, अभियान को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार व समन्वय को लेकर समन्वय समिति के गठन को लेकर भी रूपरेखा तय की गई।