श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की जीत के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और भावी सीएम उमर अब्दुल्ला का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी एक माननीय शख्स हैं और उन्हें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर उन्होंने जो वादे किए हैं, उन्हें वे पूरा करेंगे। जम्मू-कश्मीर को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ “विरोधी संबंधों” से कोई लाभ नहीं होगा। उमर अब्दुल्ला राज्य के दूसरी बार मुख्यमंत्री बननेवाले हैं। उमर अब्दुल्ला ने न्यूज चैनल एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं।
उमर बनेंगे राज्य के नए सीएम
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए। प्रदेश में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उमर अब्दुल्ला के पिता और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को नतीजों के बाद कहा कि था कि उमर अब्दुल्ला राज्य के नए सीएम होंगे।
राज्य का दर्जा बहाल करने का किया था वादा
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री एक माननीय व्यक्ति हैं… उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से राज्य का दर्जा देने का वादा किया था और मुझे उम्मीद है कि वे इस पर खरे उतरेंगे।” हालांकि भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी द्वारा राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कही थी। चुनाव के दौरान बीजेपी ने प्रचार में इसका खूब इस्तेमाल किया लेकिन चुनाव में बहुमत नहीं मिल सका।
जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करें
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी ने कभी भी यह नहीं कहा कि पहले हमारी सरकार बनेगी और फिर राज्य का दर्जा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने ऐसा कभी नहीं कहा। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने वोट के जरिए अपनी बात कह दी है और मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अब उदार होंगे और जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। उमर ने कहा “हम उन्हें यूं ही ‘माननीय’ प्रधानमंत्री नहीं कहते।” उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि चुनाव परिणाम अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को खारिज करता है।
अदालत के फैसले का भी किया जिक्र
उमर अब्दुल्ला ने अदालत के उस फैसले का भी जिक्र किया जिसमें अदालत ने चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर की समयसीमा तय करते हुए यहकहा था कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। इस साल जून में नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के कुछ दिनों बाद कहा था कि वह दिन दूर नहीं है… जब जम्मू और कश्मीर एक राज्य के रूप में अपना भविष्य खुद तय कर सकेगा।