सोनभद्र में शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ देवी मंदिरों में चंद्रघंटा स्वरूप का दर्शन करने के लिए उमड़ी। भक्तों ने कतार में खड़े होकर माता रानी का पूजन किया। सुरक्षा व्यवस्था के तहत…
सोनभद्र, संवाददाता। जिले में शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन शनिवार को सुप्रसिद्ध देवी मंदिरों में मातरानी के चंद्रघंटा स्वरूप का दर्शन पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। सुबह से ही कतार में खड़े होकर श्रद्धालुओं ने माता रानी का दर्शन-पूजन किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस कर्मी भी तैनात रहे। राबर्ट्सगंज नगर के प्राचीन शीतला मंदिर, सातो शीतला मंदिर पूरब मोहाल, दक्षिणेश्वर काली मंदिर, दंडईत बाबा मंदिर में भक्तों ने मातारानी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा अर्चना की। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही। भक्तों ने कतारबद्ध होकर मातारानी का दर्शन पूजन किया। अमिला धाम में भी बड़ी संख्या में भक्त मातारानी के दर्शन पूजन के लिए पहुंचे। मंदिर में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने माता रानी को प्रसाद चढ़ाया। दर्शन पूजन करने के लिए अल सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही।
डाला प्रतिनिधि के अनुसार वैष्णो मंदिर में शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन शनिवार को भी कल्याणकारी मां दुर्गा स्वरूप चंद्रघंटा देवी के दर्शन-पूजन की धूम मची रही। मंदिर में सुबह से ही दर्शन-पूजन का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। सुरक्षा व्यवस्था में डाला चौकी प्रभारी शिवकुमार सिंह मय फोर्स मौजूद रहे। भक्तों द्वारा देवी का जयकारा लगाने से आसपास का वातावरण देवी मय बना रहा। डाला वैष्णों मंदिर में मंगला आरती के बाद माता रानी के कपाट खोल दिया गया। माता की पिड़ी दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा। वैष्णों मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित श्रीकांत तिवारी ने बताया कि पावन नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है। मइया का स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। मां चंद्रघंटा का रूप बहुत सौम्य है मां के मस्तक में घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र है। इसलिए मां को चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान करने से हर तरफ सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो जाता है। मां को लाल रंग के फूल अर्पित करें मखाने की खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। वहीं दूसरे तरफ चल रहे श्रीशत् चंडी यज्ञ में मनोकामनाओं के लिए प्रतिदिन सैकड़ों महिलाओं ने फेरी लगाई।