Doctor’s Death: मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव की संदिग्धावस्था में हुई मौत की गुत्थी अब तक सुलझ नहीं सकी है। इस मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। परिजनों के अनुसार डॉ. कार्तिकेय ने अपने कुछ साथियों को चार-पांच लाख रुपये उधार दिए थे, लेकिन वापस मांगने पर आनाकानी की जा रही थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कहीं रुपये के लेन-देन को लेकर तो डॉ. कार्तिकेय की हत्या नहीं की गई। फिलहाल पुलिस हर बिंदुओं पर गहनता से तफ्तीश में जुटी है।
पिछले महीने 28 तारीख की रात लगभग नौ बजे एसआरएन अस्पताल के पार्किंग स्थल पर अपनी ही कार में डॉ. कार्तिकेय का संदिग्ध हालात में शव मिला था। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए जूनियर डॉ. शिवम गुप्ता, आर्थो विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सचिन यादव व नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अनामिका के खिलाफ शहर कोतवाली में नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि पुलिस की जांच व पूछताछ में अब तक आरोपियों की संलिप्तता सामने नहीं आ सकी है। पुलिस शुरुआत में डॉ. कार्तिकेय और डॉ. अनामिका की दोस्ती के पहलुओं के आधार पर जांच कर रही थी। अब इस मामले में नया मोड़ सामने आने लगा है। डॉ. कार्तिकेय के परिजनों का कहना है कि कुछ दोस्तों (इसमें अस्पताल व बाहरी दोनों) को कार व मोबाइल खरीदने में मदद करते हुए लगभग चार-पांच लाख रुपये उधार दिया था। डॉ. कार्तिकेय ने कई बार रुपये वापस करने की मांग भी की थी, लेकिन रुपये लेने वाले टालमटोल कर रहे थे। अब पुलिस इस आधार पर जांच कर रही है कि कहीं रुपये के लेन-देन में तो घटना में कोई संलिप्तता नहीं है। डॉ. कार्तिकेय की बहन डॉ. अदिति और बहनोई दीपक ने पुलिस आयुक्त से मिलकर जल्द न्याय दिलाने की मांग की है। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी रोहित तिवारी ने बताया कि पुलिस हर बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
चिल्ड्रेन अस्पताल में चार सीसीटीवी कैमरे खराब
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिल्ड्रेन अस्पताल में चार सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन सभी खराब हैं। अस्पताल में प्रयागराज के अलावा 12 जिलों से मरीज आते हैं। अस्पताल में यदि कोई घटना हो तो उसका रिकॉर्ड नहीं मिल सकता।
एक मोबाइल की जांच अभी अधूरी
डॉ. कार्तिकेय के पास दो मोबाइल फोन थे। पुलिस ने अब तक एक मोबाइल की जांच पड़ताल की है। जिसमें तकरीबन 20 अनजान नंबर मिले थे। हालांकि अब तक इन नंबरों की जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। वहीं डॉ. कार्तिकेय के दूसरे आईफोन मॉडल मोबाइल की जांच अभी अधूरी है। इसकी जांच पूरी होने के बाद कुछ सुराग हाथ लगने की संभावना है।
घटना के तीन दिन पहले ही प्रयागराज आए थे माता-पिता
मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के निवासी डॉ. कार्तिकेय के पिता केके श्रीवास्तव और माता प्रतिमा श्रीवास्तव 25 सितंबर को प्रयागराज आए थे। उन्होंने 28 सितंबर की सुबह घर से निकलते वक्त शाम चार बजे अपनी मां को एसआरएन अस्पताल के त्वचा रोग विभाग के डॉक्टर के पास ले जाने की बात कही थी, लेकिन डॉ. कार्तिकेय के घर लौटने की बजाए परिजनों को रात को उनकी संदिग्धावस्था में मौत की सूचना मिली।
प्राचार्य को सौंपे गए आरोपितों के साथ जूनियर डॉक्टरों के जवाब
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के आर्थो विभाग के डॉ. कार्तिकेय के मौत के मामले में शनिवार को आरोपित डॉक्टरों के अलावा अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने लिखित जवाब आर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. डीसी श्रीवास्तव को सौंप दिए। विभागाध्यक्ष को मिले जवाब की समग्र रिपोर्ट मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा को दिया गया। प्राचार्य की ओर से विभागीय रिपोर्ट प्रॉक्टोरियल को दी गई। विभागाध्यक्ष को डॉक्टरों के दिए गए बयान के आधार पर 25 से अधिक जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ की जाएगी।
आर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. डीसी श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार को प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक में डॉक्टरों से मिले जवाब पर चर्चा की गई। आरोपित डॉ. सचिन यादव, जूनियर रेजिडेंट शिवम गुप्ता और जूनियर रेजिडेंट अनामिका ने लिखित बयान दिया है, जबकि आर्थो विभाग, मेडिसिन, आईसीयू, सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से बयान लिखित रूप से दिया है।प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा के आदेश पर विभागीय स्तर पर जवाब मांगे गए थे।