मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 20 हजार बेसहारा बच्चों की सहायता का लक्ष्य तय किया गया है।
अनाथ और बेसहारा बच्चों की मदद के लिए योगी सरकार ने बीड़ा उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 20 हजार बेसहारा बच्चों की सहायता का लक्ष्य तय किया गया है। वंचित, बेसहारा और दिव्यांग बच्चों के कल्याण के लिए संचालित इस योजना के तहत प्रति बच्चे को मासिक 4000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
विकलांग बच्चों की पहचान को अभियान शुरू
महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित इस योजना के तहत सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 11860 बच्चों को 1423.20 लाख रुपये की सहायता राशि दे चुकी है। विभाग ने एक अभियान के तहत दिसंबर 2024 माह तक दिव्यांग बच्चों की पहचान कर योजना की पात्रता पूरी करने वाले बच्चों का आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। यह योजना केंद्र सरकार की मिशन वात्सल्य पहल का हिस्सा है और इसका उद्देश्य ऐसे बच्चों को सहायता प्रदान करना है जो कठिन परिस्थितियों में अपने विस्तारित परिवारों के साथ रह रहे हैं। इसमें सहायता राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। महिला बाल विकास विभाग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 7018 बच्चों को 910.07 लाख रुपये वितरित किए गए थे।
योजना की पात्रता मापदंड इस प्रकार तय किए गए हैं कि सबसे ज्यादा जरूरतमंद बच्चों को इसका लाभ मिल सके। ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा 72,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 96,000 रुपये तय की गई है। ऐसे मामलों में जहां दोनों अभिभावकों या कानूनी संरक्षकों का निधन हो चुका है, आय सीमा की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अभिभावकों को आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाणपत्र, उम्र प्रमाणपत्र, अभिभावकों के निधन का प्रमाणपत्र और बच्चे का शैक्षणिक संस्थान में पंजीकरण प्रमाण जिला बाल संरक्षण इकाई या जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होता है।