सोनभद्र, संवाददाता। स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में शनिवार को वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती
सोनभद्र, संवाददाता। स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में शनिवार को वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि विभाग संचालक सीधी पुष्पराज सिंह, मुख्य वक्ता पूर्व न्यायाधीश प्रकाश उईके तथा विहिप के केन्द्रीय मंत्री अमरीश जी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वहीं छात्राओं ने रानी दुर्गावती पर नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया।
इस दौरान मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि ने कहा कि रानी दुर्गावती का जन्म 05 अक्तूबर 1524 में कालिंजर दुर्ग में चंदेल राजा कीरतपाल के यहां हुआ था। बचपन से ही होनहार रही और युद्ध की कला में निपुण होने लगी। 1548 में पिता की मृत्यु हो गई और उनका अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के पहाड़ी पर किया गया। उसके पश्चात रानी दुर्गावती ने राज्य की जिम्मेदारी सम्भाली दुर्गावती का छोटा भाई वीर नारायण भी था। उन्होंने छोटी सेना लेकर अकबर के सेनापति असफ खां से युद्ध किया और दुश्मन के हाथ न पकड़े जाये और अपने खंजर से स्वयं को समाप्त कर वीरगति को प्राप्त हुई। इस दौरान आर्यन स्कूल और विन्ध कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने रानी दुर्गावती पर नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर सेवा भारती के अध्यक्ष विजय जैन, चित्रा जालान, नपा अध्यक्ष रूबी प्रसाद, अंजलि विक्रम, अवध, नीरज, शिव प्रकाश, धर्मवीर तिवारी, शीतल सिंह, गंगासागर दुबे, कृष्ण मुरारी आदि मौजूद रहे।