Stomach Problem: पेट में गैस, जलन या एसिडिटी होती रहती है. 30-35 साल की उम्र के बाद इसकी रफ्तार बढ़ जाती है और यह सामान्य बात है. खासकर अगर खान-पान सही नहीं है तो पेट में हमेशा गैस और ब्लोटिंग की समस्या होती रहती है. जैसे ही कुछ खाया लगा कि सीने में जलन होनी शुरू हो गई है. आमतौर पर लोग इसे एसिडिटी मान लेते हैं. वैसे मेडिकल टर्म में एसिडिटी को जीईआरडी (Gastroesophageal reflux disease GERD) या एसिड रिफलेक्स कहते हैं. ऐसा तब होता है जब पेट में ज्यादा एसिड होता है और गले के पास फूड पाइप में लगा एक वॉल्व ढीला होने लगता है. इस स्थिति में जैसे ही एसिड ज्यादा बनता है वह उपर की ओर उठने लगता है और फूड पाइप के वॉल्व को उपर की ओर धकेल कर उपर उठने की कोशिश करता रहता है. इसमें मुंह से खट्टी डकार आती है. वैसे तो यह अपने आप ठीक हो जाता है और अगर ठीक नहीं हुआ तो कुछ दवाइयों से यह ठीक हो जाता है लेकिन अगर दवा खाने के बावजूद यह चार सप्ताह से ज्यादा से परेशान कर रहा है तो इसका मतलब है कि आंत में कुछ न कुछ बीमारियां जरूर है.
क्यों खतरनाक है चार सप्ताह से ज्यादा की एसिडिटी
सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलीएरी साइंसेज के कंसल्टेंट डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी कहते हैं कि एसिडिटी दो-चार दिन में ठीक हो जाती है लेकिन अगर चार सप्ताह से ज्यादा से एसिडिटी जा नहीं रही तो इससे आंत में कुछ परेशानी हो सकती है. उन्होंने कहा कि एसिडिटी ठीक नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं. अगर पेट या आंत में कोई इंफेक्शन है तो मामूली एसिडिटी की दवा से एसिडिटी ठीक नहीं होगी. वहीं अगर पैंक्रियाज में कोई दिक्कत हो गई या आंत में या फूड पाइप में सूजन या घाव है तो भी एसिडिटी की समस्या जल्दी नहीं जाएगी. आंत से संबंधित क्रोह्न, सीलिएक जैसी कई बीमारियां हैं जिनकी वजह से एसिडिटी दवा खाने के बावजूद ठीक नहीं होगी. अगर सामान्य दवा खाने के बावजूद एसिडिटी बहुत दिनों या सालों तक बनी रहे तो यह कैंसर भी हो सकता है. ऐसे मामलों में एंडोस्कोपी या क्लोनोस्कोपी करके ही यह पता लगाया जा सकता है कि वास्तव में बीमारी कौन सी है. इसलिए अगर एसिडिटी की समस्या चार सप्ताह से ज्यादा से बनी हुई है तो डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए.
इसमें क्या है लक्षण
डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि सामान्य तौर पर अगर एसिडिटी है तो इसके पीछे गलत खान-पान ही प्रमुख रूप से जिम्मेदार है. अगर आप ज्यादा फैट वाला भोजन करते हैं या मसालेदार या ज्यादा तली-भुनी चीजें खाते हैं तो इससे एसिडिटी हो सकती है. वहीं तनाव, अवसाद, देर रात खाना, नींद में कमी, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, स्मोकिंग भी इसकी वजह हो सकती है. एसिडिटी में छाती में जलन और कभी-कभी पेट में भी दर्द हो सकता है. वहीं कभी-कभी खाना खाने में भी तकलीफ होती है और गले में गांठ भी महूसस होने लगती है.अगर इसका इलाज नहीं हुआ तो एसिड लंग्स में भी पहुंचने लगता है और इससे खांसी भी हो सकती है.
एसिडिटी से कैसे पाएं मुक्ति
डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी के मुताबिक सामान्य एसिडिटी में खान-पान में सुधार और रेगुलर एक्सरसाइज से ही बात बन सकती है. इसलिए रेगुलर एक्सरसाइज करें, डाइट में हेल्दी चीजें लें. शराब-सिगरेट का सेवन न करें. ज्यादा तेल-मसालेदार वाली हैवी चीजें न खाएं. रेड मीट का सेवन न करें. कोल्ड ड्रिंक, सोडा, मीठा पेय भी न पिएं. इसके बदले में हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल, सीड्स, अंकुरित अनाज, दाल आदि का सेवन करें. अगर दो-तीन से एसिडिटी है तो सामान्य दवाइयां ली जा सकती है लेकिन पेन या एसिलॉक जैसी इन दवाइयों का ज्यादा दिनों तक सेवन नहीं करना चाहिए. चार सप्ताह से ज्यादा से एसिडिटी है तो डॉक्टर से अवश्य दिखाएं.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 17:46 IST