Vinesh Phogat: भारतीय कुश्ती की दुनिया में फोगाट परिवार का नाम हमेशा से चमकता रहा है. बेटियों को पहलवान बनाने का सपना देखने वाले महावीर सिंह फोगाट और उनकी बेटियों बबीता और गीता ने भारतीय कुश्ती में एक नई क्रांति ला दी थी. लेकिन वो विनेश थीं, जिन्होंने फोगाट परिवार का नाम और ऊंचा किया. ये कड़वी सच्चाई है कि विनेश ने लोकप्रियता के मामले में अपनी चचेरी बहनों को पीछे छोड़ दिया. शायद यह बात ‘दंगल गर्ल’ के नाम से मशहूर फोगाट सिस्टर्स हजम नहीं कर पा रही हैं. इसीलिए वे आए दिन विनेश पर निशाना साधती रहती हैं. लेकिन इस बार उन्होंने जो समय चुना है वो विनेश की जिंदगी का एक निर्णायक मोड़ है.
विनेश ने कुश्ती छोड़कर राजनीति का दामन थाम लिया है और वह जुलाना से हरियाणा विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रही हैं. जब वोटिंग में केवल दो दिन रह गए थे इस परिवार में चल रहे विवादों के बीच बबीता फोगाट ने फिर से विनेश पर निजी हमला किया है. बबीता ने बताया कि कैसे उनके पिता महावीर सिंह फोगाट ने विनेश को व्यक्तिगत नुकसान से उबरने में मदद की और उन्हें भारत की सबसे प्रतिष्ठित पहलवानों में से एक बनाया. बबीता के इस खुलासे ने एक बार फिर से फोगाट परिवार में चल रही प्रतिद्वंद्विता को सुर्खियों में ला दिया है.
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पिता की उपेक्षा पर बबीता का पलटवार
बबीता फोगाट ने अपने ‘धन्यवाद नोट’ में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता और कुश्ती कोच महावीर सिंह फोगाट को धन्यवाद न देने पर अपनी चचेरी बहन विनेश फोगाट पर पलटवार किया है. पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक खुला पत्र साझा किया था, उसमें चाचा महावीर सिंह फोगट का नाम गायब था. महावीर सिंह फोगाट की दूसरे नंबर की बेटी बबीता ने अब सार्वजनिक रूप से इस मामले पर बात की है. उन्होंने साझा किया है कि कैसे उनके पिता ने विनेश को पहलवान बनाने के लिए कड़ी मेहनत की.
डिस्क्वालिफाई होने पर भावुक हो गए थे महावीर
बबीता ने पत्रकार सुशांत सिन्हा के पॉडकास्ट पर कहा, “मैंने अपने पिता को जिंदगी में केवल तीन बार रोते हुए देखा है. सबसे पहले, जब मेरी और मेरी बहनों की शादी हुई. दूसरा, जब मेरे चाचा की मृत्यु हो गई और तीसरा, जब विनेश ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई हो गईं.” 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट बबीता ने कहा, “जब मेरे चाचा की मृत्यु हो गई, तो विनेश और उनके दोनों भाई-बहनों ने अचानक कुश्ती छोड़ दी. मेरे पिता उनके घर गए और उन्हें कुश्ती में वापस लाने के लिए उनकी मां से लड़ाई की. कल्पना कीजिए कि उन्होंने विनेश को पहलवान बनाने के लिए कितनी मेहनत की है. लेकिन उन्होंने उस गुरु को छोड़कर सभी को धन्यवाद दिया.”
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पेरिस ओलंपिक में हो गई थीं ओवरवेट
विनेश को पेरिस ओलंपिक की 50 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. 30 वर्षीय पहलवान का स्वर्ण पदक मैच के दिन वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया था. बाद में उन्होंने संयुक्त रजत पदक के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में अपील की, लेकिन अपील खारिज कर दी गई. जिसके बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास ले लिया.
बबीता ने विनेश पर राजनीति का आरोप लगाया
बबीता ने कहा कि आपने देखा होगा जब शूटर मनु भाकर अपने ओलंपिक पदक के साथ घर लौटीं, तो उनके कोच उनके साथ थे. इसी तरह, पहलवान अमन सहरावत अपने पदक के साथ वापस आए और उनके साथ उनके कोच थे. लेकिन जब विनेश लौटीं, तो दीपेंद्र हुड्डा उनके साथ थे. लोगों के लिए बेहतर यही होगा कि वे उन्हें (दीपेंद्र को) द्रोणाचार्य पुरस्कार दे दें. मेरा मानना है कि अगर मेरे पिता हवाईअड्डे पर उनके साथ खड़े होते तो इस बात को लेकर इतना विवाद नहीं होता.’
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विनेश ने किया राजनीति में प्रवेश
यौन दुर्व्यवहार के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में विनेश भी प्रमुख शख्सियतों में से एक थीं. विरोध प्रदर्शनों में उनकी भागीदारी और भारतीय राजनीति में उनकी बढ़ती भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय सुर्खियों में बनाए रखा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता बबीता ने कहा कि कि कैसे विनेश के राजनीति में प्रवेश ने उन्हें बदल दिया है. विनेश के राजनीतिक पदार्पण के बाद से बहनों के बीच दूरी बढ़ती चली गई. दोनों बहनों के बीच टकराव से भारतीय कुश्ती की सफलता का पर्याय माने जाने वाले फोगाट परिवार के बारे में पहले से ही जटिल कहानी में एक और पन्ना जुड़ गया है.
राजनीति ने बांट दिया परिवार
बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में विनेश के साथ बजरंग पुनिया भी थे. बजरंग गीता और बबीता के बाद फोगाट परिवार में तीसरे नंबर की बेटी संगीता के पति हैं. टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले बजरंग पुनिया जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन में विनेश के साथ थे. वह तब भी विनेश के साथ थे जब उन्हें पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. बजरंग हर समय उनके साथ खड़े रहे. विनेश ने जब भारत वापसी के बाद आईजीआई एयरपोर्ट से बलाली तक एक रोडशो किया तो गाड़ी में बजरंग उनके साथ थे. विनेश को डिस्क्वालिफाई घोषित किए जाने के बाद संगीता ने भी एक भावुक मैसेज पोस्ट किया था. हालांकि द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर फोगाट ने विनेश के स्वागत कार्यक्रम में शिरकत की और अपनी भतीजी को गले लगाया. विनेश ने भी अपने चाचा के पैर छूकर उन्हें पूरा सम्मान दिया.
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विनेश वर्तमान में हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. उन्हें कांग्रेस पार्टी ने जुलाना निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. इस बीच बीजेपी पार्टी की सदस्य बबीता को आगामी हरियाणा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया. 2019 के चुनाव में वह दादरी से हार गई थीं. हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 8 तारीख को घोषित किए जाएंगे. बबीता ने विनेश पर हमला करने के लिए यही समय क्यों चुना यह समझना मुश्किल नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 15:54 IST