आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन ने पूरे भारत में कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच ‘साइबर कमांडो’ बनाने के लिए एक नया ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक पहल, ‘साइबर कमांडो’ कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है।
आईआईटी मद्रास में ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने डॉ. संदीप मित्तल, आईपीएस, एडिशनल पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) साइबर क्राइम विंग, तमिलनाडु, कर्नल अरविंद कुमार, निदेशक, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) मयंक घिल्डियाल, उप निदेशक, (14सी) डॉ. एम. जे. शंकर रमन, सीईओ, आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया।
आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर प्रो. वी. कामकोटि ने कहा कि “हर रोज साइबर खतरा बढ़ता जा रहा है। जैसे-जैसे डिजिटलीकरण बढ़ता है, हम अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में अधिक से अधिक उपकरण मिलते जा रहे हैं। डेटा बहुत जरूरी है। स्ट्रक्चर्ड और नॉन-स्ट्रक्चर्ड दिन दोनों का प्रोसेसिंग भी जरूरी है।”
साइबर कमांडो मौजूदा साइबर अपराध सेल के अपग्रेड का प्रतिनिधित्व करेंगे। जहां ये सेल मुख्य रूप से साइबर अपराधों की जांच और अभियोजन जैसे रिएक्टिव उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं कमांडो एक सक्रिय बल होंगे।
इस प्रोग्राम का उद्देश्य साइबर चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों को एडवांस्ड स्किल से लैस करना है। कठिन ट्रेनिंग के माध्यम से, राज्य और केंद्रीय पुलिस कर्मियों को साइबर विशेषज्ञों में परिवर्तित किया जाएगा, जो मुश्किल डिजिटल अपराधों की जांच करने, साइबर अपराधियों पर नज़र रखने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करने में सक्षम होंगे।
ट्रेनिज में कानून प्रवर्तन इकोसिस्टम के अधिकारी शामिल होंगे जिन्हें साइबर कमांडो के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कोर्स में सिस्टम फोरेंसिक, सिस्टम तक अनैतिक पहुंच का पता लगाने और रोकथाम, साइबर डोमेन में अपराधों का पता लगाने सहित अन्य पर एडवांस्ड मॉड्यूल शामिल होंगे।