Common Tests For Food Allergy: कई लोग खाने-पीने के शौकीन होते हैं, लेकिन कुछ फूड्स को खाने से अक्सर उनकी तबीयत बिगड़ जाती है. बार-बार अगर किसी चीज को खाने से स्किन या पेट में दिक्कत पैदा हो, तो यह फूड एलर्जी का संकेत हो सकता है. जब हमारा इम्यून सिस्टम किसी खाने को लेकर ओवर सेंसिटिव हो जाता है और उस खाने को शरीर के लिए खतरा मानने लगता है, तब कई केमिकल्स रिलीज करने लगता है. इससे स्किन पर रैशेस, खुजली, सूजन, पेट दर्द, उल्टी जैसी परेशानियां होने लगती हैं. इसे फूड एलर्जी कहा जाता है और इसे कुछ टेस्ट के जरिए कंफर्म किया जाता है.
अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी (ACAAI) की रिपोर्ट के मुताबिक जिन फूड्स से लोगों को एलर्जी होती है, उन्हें खाने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने लगती हैं. आमतौर पर मूंगफली, नट्स, दूध, अंडे और सीफूड्स फूड एलर्जी की वजह बनते हैं. कई लोगों को दूध और कई लोगों को गेहूं के आटे से भी एलर्जी होने लगती है. फूड एलर्जी का पता लगाने के लिए स्किन से लेकर कई तरह के ब्लड टेस्ट किए जाते हैं. इन टेस्ट के जरिए पता लगाया जाता है कि शख्स को किन फूड्स से एलर्जी है और उससे क्या दिक्कतें हो सकती हैं.
फूड एलर्जी का पता लगाने वाले 5 कॉमन टेस्ट
स्किन प्रिक टेस्ट (Skin Prick Test) – फूड एलर्जी का पता लगाने के लिए सबसे कॉमन स्किन प्रिक टेस्ट है. इसे स्किन टेस्टिंग भी कहा जाता है और इससे 15 से 30 मिनट के अंदर रिजल्ट आ जाता है. इस टेस्ट में एलर्जी पैदा करने वाले संभावित फूड्स को बेहद कम मात्रा में स्किन पर डाला जाता है. फिर स्किन को हल्का सा खरोंच दिया जाता है. अगर किसी शख्स को उस फूड से एलर्जी है, तो कुछ मिनट बाद उस जगह पर लालिमा या सूजन दिखाई देती है. यह टेस्ट जल्दी हो जाता है और कुछ मिनट में रिजल्ट आ जाता है. हालांकि इससे यह पता नहीं चल पाता कि इस फूड से एलर्जी कितनी गंभीर हो सकती है.
सीरम IgE टेस्ट (Blood Testing) – इस ब्लड टेस्ट में खून के सैंपल से IgE एंटीबॉडीज की मात्रा मापी जाती है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा एलर्जेन की प्रतिक्रिया में प्रोड्यूस होती हैं. यह टेस्ट विशेष खाद्य पदार्थों के प्रति एलर्जी की संभावना का संकेत देता है और यह अधिक सटीक हो सकता है. हालांकि इसका रिलज्ट आने में एक से दो सप्ताह का वक्त लग सकता है.
एलिमिनेशन डाइट (Elimination Diet) – फूड एलर्जी का पता लगाने के लिए एलिमिनेशन डाइट भी एक तरीका है. इसमें व्यक्ति अपनी डाइट से उन फूड्स को हटा देता है, जिनसे उसे एलर्जी की आशंका होती है. फिर धीरे-धीरे उन्हें वापस डाइट में शामिल करता है. इस दौरान अगर व्यक्ति को किसी विशेष खाद्य पदार्थ को फिर से खाने पर समस्या होती है, तो यह एलर्जी का संकेत हो सकता है.
ओरल चैलेंज टेस्ट (Oral Challenge Test) – इस टेस्ट में डॉक्टर व्यक्ति को थोड़ी मात्रा में संदिग्ध फूड्स खाने के लिए कहते हैं. धीरे-धीरे फूड की मात्रा बढ़ाते जाते हैं. अगर कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया होती है, तो इससे कंफर्म हो जाता है कि व्यक्ति को उस खाद्य पदार्थ से एलर्जी है. यह टेस्ट ज्यादा सेंसिटिव वाले मामलों में किया जाता है और यह टेस्ट हमेशा डॉक्टर्स की निगरानी में किया जाना चाहिए.
रेफरल टेस्ट (Referral Test) – फूड एलर्जी का पता लगाने के लिए कुछ कॉम्प्लिकेटेड मामलों में डॉक्टर अन्य स्पेशलिस्ट की मदद लेते हैं, जिसे रेफरल टेस्ट कहा जाता है. उदाहरण के लिए एलर्जी स्पेशलिस्ट या गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट भी फूड एलर्जी का पता लगाने में मदद करते हैं. ये एक्सपर्ट एक्सट्राटेस्ट करके फूड एलर्जी के सोर्स को पहचानने में मदद करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 11:10 IST