बिजली उपभोक्ताओं से मनमानी जारी है। एक ही परिसर पर बेटे को बिजली कनेक्शन दे दिया गया, जबकि पिता को एस्टीमेट थमाकर 40 हजार रुपए मांगे गए हैं। एमडी भवानी सिंह ने कहा कि यदि बिजली कनेक्शन देने में संबंधित इंजीनियर लापरवाही बरत रहे हैं तो पूरे प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
बिजली कनेक्शन के नाम पर लेसा उपभोक्ताओं से मनमानी कर रहा है। एक ही परिसर पर बेटे को बिजली कनेक्शन दे दिया गया, जबकि पिता को 40 हजार रुपये का एस्टीमेट थमा दिया गया। आवेदक पिछले एक महीने से जूनियर इंजीनियर से लेकर एक्सईएन कार्यालय तक चक्कर लगा रहा है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
सीतापुर रोड स्थित प्रीति नगर निवासी विवेक अस्थाना ने छह किलोवाट घरेलू कनेक्शन (खाता सं.4193109923) है। हर महीने समय पर बिल जमा करते हैं। विवेक के पिता अवधेश कुमार अस्थाना ने 30 अगस्त को झटपट पोर्टल पर दो किलोवाट प्रीपेड कनेक्शन के लिए (आवेदन सं. 1016376151) अप्लाई किया, जिस पर विभाग द्वारा उन्हें 40 हजार रुपये का एस्टीमेट थमा दिया गया, जबकि परिसर के नजदीक बिजली के पोल व ट्रांसफार्मर लगा है। उन्होंने कहा कि एक ही परिसर पर पहले से एक कनेक्शन हैं तो दूसरे कनेक्शन के लिए एस्टीमेट क्यों थमाया जा रहा है। इसकी शिकायत जूनियर इंजीनियर से लेकर विद्युत नियामक आयोग तक की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
वहीं दुबग्गा डिवीजन के अंतर्गत वसीम अहमद ने औद्योगिक कनेक्शन के लिए 1,78,938 रुपये विभाग में एस्टीमेट धनराशि जमा की, लेकिन अभी तक कनेक्शन नहीं हुआ। बीकेटी डिवीजन के धीरज यादव ने बिजली कनेक्शन के लिए (आवेदन सं.1013948419) 12 अगस्त को 28,234 रुपये जमा कर दिया। इसके बाद इंजीनियरों ने बगैर पोल लगाएं लंबी दूरी से कनेक्शन दे दिया। इससे बिजली के तार झूलते रहते हैं। पीड़ित उपभोक्ता ने कई बार उपकेंद्र पर शिकायत की पर पोल नहीं लगा।
मध्यांचल विद्युत निगम एमडी भवानी सिंह ने बताया कि यदि बिजली कनेक्शन देने में संबंधित इंजीनियर लापरवाही बरत रहे हैं तो पूरे प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। आवेदक का किसी प्रकार उत्पीड़न नहीं होगा।