भारत की पूर्व महिला पहलवान विनेश फोगाट पिछले काफी समय से चर्चा में हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम कुश्ती के फाइनल मुकाबले के दिन उनका वजन थोड़ा सा ज्यादा पाया गया और उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद वे टूट गई थीं। ऐसे में क्या उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था? इसका जवाब है- हां। इसका खुलासा खुद विनेश फोगाट ने किया है, लेकिन उन्होंने पीएम मोदी से बात नहीं की थी। इसके पीछे का कारण ये था कि वे चाहती थीं कि जो भी बात प्रधानमंत्री से होगी, उसकी रिकॉर्डिंग वे खुद भी करेंगी। इस शर्त को इंडियन ऑफिशियल्स ने नहीं माना तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया।
विनेश फोगाट ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया, “आया था (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का) फोन। मैंने मना कर दिया। मेरे पास मेरे पास डायरेक्ट फोन नहीं आया था, लेकिन जो वहां पर अपने इंडिया के ऑफिशियल्य थे उनके पास फोन आया था। उन्होंने बोला कि पीएम मोदी बात करना चाहते हैं। मैंने बोला ठीक है। उन्होंने मेरे सामने शर्त रखी कि आपका कोई आदमी साथ में नहीं रहेगा, हमारी टीम रहेगी दो लोग होंगे। एक वीडियो शूट करेगा और एक बात करवाएगा और वीडियो सोशल मीडिया पर जाएगा। मैंने पूछा सोशल मीडिया पर जाएगा तो मैं बोली सॉरी…”
‘दो साल का हिसाब मांगती’
उन्होंने आगे बताया, “मैं अपने इमोशंस का…अपनी मेहनत का…ऐसे सोशल मीडिया पर तो मजाक नहीं बनाऊंगी। अगर उनको सच में सहानुभूति है किसी खिलाड़ी के साथ में तो बिना रिकॉर्डिंग बात कर सकते हैं। मैं बहुत धन्यवाद रहूंगी। शायद उनको यह पता है कि जिस दिन भी विनेश से बात हुई तो विनेश वो दो साल (धरना प्रदर्शन, पुलिस से पिटाई और WFI चीफ पर आरोप) का हिसाब जरूर मांगेगी। इसलिए उन्होंने मना कर दिया कि आपका कोई फोन नहीं रहेगा। हम ही रिकॉर्डिंग करेंगे। वह तो काट सकते हैं ना अपने लेवल पर, लेकिन मैं तो नहीं काटूंगी मैं तो ओरिजिनल डालूंगी जो बातचीत हुई तो उन्होंने मना कर दिया कि ऐसा नहीं होगा।”
बता दें कि करीब दो साल पहले उन्होंने कुश्ती महासंध के अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला था। तत्कालीन चीफ बृज भूषण शरण सिंच पर उन्होंने और कई महिला पहलवानों ने संगीन आरोप लगाए थे। इसके बाद उनकी झड़प पुलिस से हुई थी और महीनों तक धरने पर बैठी रहीं। इसके बाद उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया। यहां तक कि एक ही दिन में नेशनल कैंप के दौरान पहले 53 किलोग्राम में हारने के बाद फिर 50 किलोग्राम भार वर्ग के जरिए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया। जहां वे इस कैटेगरी में मेडल तक पहुंच गई थी, लेकिन वजन ज्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित हो गईं। इसके बाद उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया और अब हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं।