स्टार भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और उनके लंबे समय के कोच जर्मनी के क्लाउस बार्टोनिएट्ज के बीच बेहद सफल साझेदारी पांच साल साथ काम करने के बाद खत्म होने वाली है। 75 वर्षीय बार्टोनिएट्ज ने चोपड़ा से अलग होने के लिए अपनी उम्र और पारिवारिक प्रतिबद्धताओं का हवाला दिया है।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि बार्टोनिएट्ज 75 साल के हैं और अब वह अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं और बहुत अधिक यात्रा भी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि नीरज इस साझेदारी को खत्म करना चाहते हैं, बल्कि बार्टोनिएट्ज ने उनके (नीरज के) कोच के रूप में काम जारी रखने में असमर्थता जताई है।
जर्मन कोच ने बनाया चैंपियन
26 साल के नीरज चोपड़ा साल 2019 से बार्टोनिट्ज के साथ काम कर रहे हैं, जो बायोमैकेनिक्स स्पेशलिस्ट हैं। हालांकि बार्टोनिट्ज ने चोपड़ा के कोच के रूप में भी काम किया। बार्टोनिट्ज पहले बायोमैकेनिकल स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हुए और उवे होन के एएफआई और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से अलग होने के बाद चोपड़ा के कोच के रूप में कार्यभार संभाला। बार्टोनिट्ज की कोचिंग में नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक गोल्ड, पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता। वर्ल्ड चैंपियन और डायमंड लीग चैंपियन बने। इसके अलावा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटे नीरज
हाल ही में ब्रुसेल्स में खेले गए डायमंड लीग के फाइनल में नीरज चोपड़ा खिताब जीतने से चूक गए थे। वह फाइनल में दूसरे स्थान रहे थे। इससे पहले उन्हें पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था। गोल्ड मेडल पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ते हुए जीता था। हालांकि सिल्वर मेडल के बावजूद नीरज लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले भारत के पहले ट्रैक एवं फील्ड एथलीट बने थे। नीरज अब अपने मौजूदा सीजन को समाप्त कर भारत वापस आ चुके हैं और अगले साल होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स की तैयारियों में जुट गए हैं। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप अगले साल 13 से 21 सितंबर तक जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित होने वाली है। इसके बाद उनका अगला बड़ा लक्ष्य एशियन गेम्स और ओलंपिक गेम्स 2028 में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतना होगा।
(Inputs- PTI)