मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वैश्विक स्तर पर देश व उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को लखनऊ में सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने युवाओं और खिलाड़ियों को सफलता का मंत्र भी दिया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में खिलाड़ियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए आज स्मार्टफोन सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। यह युवाओं के समय और श्रम दोनों को प्रभावित करता है। युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए, नशा नाश का का कारण है, जो नशे की तरफ गया वह जीवन में फिर किसी के लायक नहीं रह पाएगा। युवा स्मार्ट फोन और नशे से दूर रहें तो हर सपने को साकार कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा अपने आप को तैयार करें, उनकी सुविधाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार उनके लिए समुचित माहौल तैयार कर रही है। युवा खेल के अपने जीवन का हिस्सा बनाएं इसके लिए प्रदेश के शहरों और गांवों में खेल की सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। अच्छे प्रशिक्षण के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खेल के प्रति युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह में आए खिलाड़ियों की प्रेरक कहानी भी साझा की।
‘जिन्होंने बढ़ाया देश का मान, ऐसी प्रतिभाओं का सम्मान’ कार्यक्रम में 14 ओलंपियंस व पैरालंपिक एथलीट्स को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश का मान बढ़ाने वाले इन सभी खिलाड़ियों को 22.70 करोड़ रुपये की पुरस्कार सम्मान राशि वितरित की। इनमें पदक विजेता कुल 7 ओलंपियंस व पैरालंपियंस और सात अन्य प्रतिभाग करने वाले ओलंपियंस व पैरालंपियंस मौजूद रहे। सम्मानित होने वाले पदक विजेताओं में प्रवीण कुमार, सुहास एलवाई, अजीत सिंह, प्रीति पाल, सिमरन, ललित उपाध्याय व राज कुमार पाल शामिल रहे।
पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने की तैयारी
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों के धनराशि के आवंटन में पीछे नहीं है। युवा खेल जगत से जुड़े और पदक हासिल कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करें। इसके लिए प्रदेश का खेल विभाग उनके साथ है। समारोह में मौजूद खिलाड़ियों से मुख्यमंत्री योगी ने आह्वान किया कि वैश्विक मंचों पर प्रदेश के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर अधिक से अधिक मेडल हासिल करें। प्रदेश सरकार खेलों में देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने बनाने का निर्णय लिया है। दो खिलाड़ी पुलिस उपाधीक्षक, दो नायब तहसीलदार, एक माल कर अधिकारी और दो खिलाड़ी जिला युवा कल्याण अधिकारी बनेंगे।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य अवनीश सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी मौजूद रहे।
ये खिलाड़ी हुए पुरस्कृत
पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा। उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने ओलंपिक-पैरालंपिक में एक स्वर्ण समेत छह पदक जीते हैं। गौतमबुद्ध नगर के पैरा हाई जम्पर प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक 2024 में स्वर्ण पदक जीता है। उन्हें 6 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई। वहीं भारतीय हॉकी टीम की तरफ से खेलते हुए वाराणसी के ललित उपाध्याय और गाजीपुर के राजकुमार पाल ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। उन्हें एक-एक करोड़ रुपये पुरस्कार राशि के तौर पर दिया गया। यूपी के आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई ने पैरा बैडमिंटन में और इटावा के अजीत सिंह ने पैरा एथलेटिक्स की जैवलिन थ्रो स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। दोनों को 4-4 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई। इसी तरह मुजफ्फरनगर की रहने वाली एथलीट प्रीति पाल ने 100 मीटर और 200 मीटर में कांस्य पदक जीता, जिसके लिए उन्हें 4 करोड़ रुपये तो वहीं गाजियाबाद की सिमरन ने अपने वर्ग की 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता, जिसके लिए उन्हें 2 करोड़ से पुरस्कृत किया गया।
इनको भी मिला पुरस्कार
इसके अतिरिक्त पेरिस ओलंपिक व पैरालंपिक गेम्स में प्रतिभाग कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पारुल चौधरी, अनु रानी, प्रियंका गोस्वामी, प्राची चौधरी, साक्षी कसाना, दीपेश कुमार तथा यश कुमार को 10-10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया।
प्रशिक्षकों को भी किया सम्मानित
पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक के लिए खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले चार प्रशिक्षकों का भी सीएम योगी ने सम्मान किया। इनमें गजेंद्र सिंह (पैरा एथलीट), गौरव खन्ना (पैरा बैटमिंटन), राकेश कुमार यादव (पैरा एथलीट) और डॉ. सत्यपाल सिंह (पैरा एथलीट) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षकों का सम्मान महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रशिक्षक ही हमारे खिलाड़ियों को ओलंपिक जैसी प्रतिस्पर्धाओं के लिए तरासते और तैयार करते हैं।